जयपुर। राजस्थान में सियासी ड्रामा जारी है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करीब 103 विधायकों के साथ राज्यपाल पर विधानसभा का सत्र बुलाने के दबाव बनाने के लिए राजभवन में डटे हुए हैं। हालांकि राज्यपाल साफ कर चुके कि मौजूदा स्थिति में राज्य में विधानसभा सत्र नहीं बुलाया जा सकता है। जबकि सीएम गहलोत विधानसभा का सत्र तत्काल बुलाना चाहते हैं। वहीं राज्यपाल ने सीएम गहलोत से पूछा कि राज्य में विधानसभा सत्र बुलाने के लिए उन्हें वजह बताई जाए। लेकिन राज्य सरकार की तरफ से किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया गया है।

असल में राज्य में कांग्रेस के बागी सचिन पायलट गुट को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट से फौरी तौर पर राहत मिली हुई है। जिसके बाद राज्य में सीएम अशोक गहलोत पर दबाव बन गया है। वहीं सीएम गहलोत विधानसभा सत्र बुलाकर विधानसभा में बहुमत साबित करना चाहते हैं। ताकि सरकार पर आया संकट टल जाए। राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने राज्य में सचिन पायलट के बागी हो जाने के बाद दो बार विधायकों की बैठक बुलाई थी, लेकिन इस बैठक में पायलट और उनके समर्थक विधायक शामिल नहीं हुए। जिसके बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद और उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया।

जिसके बाद राज्य की गहलोत सरकार पर खतरा बढ़ गया। हालांकि गहलोत निर्दलीय विधायकों के जरिए राज्य में बहुमत का दावा कर रहे हैं। लेकिन राज्य में निर्दलीय विधायकों के समर्थन के कारण सरकार पर हमेशा ही खतरा बना रहेगा। वहीं गहलोत विधानसभा सत्र के जरिए पायलट गुट पर दबाव बनाना चाहते हैं। क्योंकि विधानसभा सत्र से पहले पार्टी व्हिप जारी करेगी और इसका पालन सचिन पायलट गुट को करना होगा। लिहाजा विधानसभा में गहलोत सरकार बहुमत सिद्ध कर देगी। 

राजभवन में धरना दे रहे हैं कांग्रेस विधायक

सीएम अशोक गहलोत जयपुर के नेतृत्व में एक होटल से कांग्रेस और निर्दलीय विधायक राजभवन पहुंचे। यहां सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से विधानसभा सत्र आयोजित करने की मांग की। जिसे राज्यपाल ने खारिज कर दिया। जिसके बाद विधायक राजभवन में धरने पर बैठक गए हैं। सीएम गहलोत का कहना है कि राज्यपाल पर दबाव है और इसके कारण वह विधानसभा सत्र नहीं बुला रहे हैं।