नई दिल्ली। कोरोना के कहर के बीच रमजान का महीना शुरू हो गया है। तेलंगाना राज्य सरकार ने रमजान के महीने में कोरोना के संक्रमितों के लिए विशेष मेनू तैयार किया है। क्वारंटिन में रखे गए मुस्लिम मरीजों को सरकार ने बिरयानी खिलाने का फैसला किया है। सरकार ने आदेश दिया है कि संक्रमितों को संतुलित भोजन दिया जाए।

असल में राज्य सरकार ने इसके लिए नोडल अफसरों को निर्देश दिए हैं। सरकार ने  क्वांरटिन किए गए मुस्लिम समुदाय के मरीजों को सेहरी और इफ्तार के लिए संतुलित भोजन देने का आदेश दिया है। इस बार रमजान की पवित्र महीना ऐसे समय में आया है जब देश में कोरोना का संक्रमण है और देश में स्थिति खराब है। देश के तीन राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों में कोरोना का कहर जारी है। तेलंनाना में भी कोरोना का संक्रमण है। हालांकि राज्य में कोरोना संक्रमण को फैलाने में जमातियों की बड़ी भूमिका है। जो दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए समारोह में हिस्सा लेने के बाद राज्य में लौटे थे।
 
आज से रमजान के महीने की शुरुआत हो रही है। लिहाजा तेलंगाना सरकार ने अस्पतालों में इलाज करा रहे सैकड़ों मुस्लिम रोगियों को पौष्टिक भोजन मुहैया कराने का फैसला किया है। ये फैसला उन रोगियों के लिए किया गया है जो रोजे पर हैं। रोजेदारों के लिए सेहरी में  रोटी, सादा चावल, दाल और सब्जी करी, सब्जी के साथ मटन या चिकन करी देने का फैसला किया है। इफ्तार की नमाज के बाद मुस्लिम मरीजों को खिचड़ी या सुगंधित तेल चावल (बघरा चावल) या सब्जी बिरयानी के साथ-साथ टमाटर की चटनी और चिकन फ्राई परोसा जाएगा। वहीं अन्य दिनों में, उन्हें चिकन बिरयानी, सादा चावल, सब्जी करी, दाल और अंडे दिए जाएंगे।

सरकार ने भोजन के मेनू में रोगियों के लिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड मुहैया कराने  को कहा है ताकि रोगियों में प्रतिरक्षा में सुधार हो। सरकार का कहना है कि कोरोना रोगियों के लिए अस्पताल में आहार चार्ट का पालन किया जा रहा है और नाश्ते में चावल, सांबर, दाल और दही के साथ ही इडली, ब्रेड और जैम दिया जा रहा है। वहीं  मांसाहारी मरीजों को अंडे और चिकन करी भी दी जा रही है। इसके अलावा कोरोना रोगियों को खूखे मेवे दिए जा रहे हैं ताकि प्रतिरक्षा बढ़े। इसके अलावा संतरे और केले जैसे फल भी दिए जा रहे हैं।