इलाहाबाद—दुनिया के सबसे बड़े आयोजन कुंभ के शुरु होने में अब कुछ दिन ही शेष रह गए हैं। इस बार कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज में गंगा, जमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आयोजित हो रहा है। 

कुंभ को लेकर तैयारियां सालों पहले शुरु हो जाती हैं। ऐसे में इस बार उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी कुंभ के सफल और भव्य आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। उत्तर प्रदेश सरकार कुंभ को लेकर हो रही तैयारियों पर बराबर नजर बनाए हुए है। 

तैयारियों का जायजा लेने के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार प्रयागराज का दौरा कर चुके हैं। साथी ही उनके कैबिनेट का कोई ना कोई मंत्री भी लगातार तैयारियों पर नजर रखने के लिए प्रयागराज का दौरा कर रहा है। 

सरकार का अनुमान है कि इस बार कुंभ मेंले में स्नान करने आने वालों की संख्या लगभग 13 करोड़ हो सकती है। प्रशासन इसी को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी कर रहा है। 2013 में सपा की अखिलेश यादव की सरकार के समय हुए कुंभ में इलाहाबाद जंक्शन पर भगदड़ मचने से 29 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में करीब 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। 

इस तरह की किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए रेलवे के तीनो जोन और स्थानीय सिविल प्रशासन के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए अपर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे को नोडल अधिकारी बनाया गया है।आस्था के इस सबसे बड़े संगम में आने-जाने के लिए भक्तों को किसी प्रकार का कष्ट नहीं हो इसके लिए भारतीय रेलवे भी अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। 

भारतीय रेलवे कुंभ मेले में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की यात्रा को बेहतर और सुविधाजनक बनाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग करने जा रहा है।  कुंभ में करोड़ो की संख्या में लोग आते हैं इसे देखते हुए रेलवे प्रयाग के लिए देश के विभिन्न भागों से कई विशेष ट्रेन चलाएगा। 

इसके अलावा कई विशेष और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस गाडिया भी चलाई जाएंगी। इसके अलावा प्रयाग आने वाले यात्रियों को रुकने के लिए करीब 10,000 तीर्थयात्रियों की क्षमता वाले चार बड़े आश्रयस्थल बनाया जा रहा है। इन आश्रयस्थलों में वेंडिंग स्टॉल, वॉटर बूथ, टिकट काउंटर, एलसीडी टीवी, पीए सिस्टम, सीसीटीवी साथ ही महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय बनाया जा रहा है।

उधर स्थानिय प्रशासन मेलें में आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए कुंभ में करीब 6 लाख वाहनों के लिए 1193 हेक्टेयर जमीन पर 120 पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे। 2013 के कुंभ मेले में 478 हेक्टेयर जमीन पर 99 पार्किंग स्थल बनाए गए थे। इस तरह 2013 की तुलना में 2019 में करीब ढाई गुना अधिक जमीन पार्किंग स्थल के लिए अधिग्रहित की जाएगी और पार्किंग स्थलों की संख्या भी करीब 20 प्रतिशत अधिक होगी।

पार्किंग स्थलों में 42 सैटलाइट पार्किंग होंगी, जबकि बाकी सामान्य पार्किंग की तरह विकसित किए जाएंगे। इन पार्किंग स्थलों पर जाम की स्थिति से बचने के लिए 125 क्रेन भी तैनात किए जाएंगे। क्रेनों की संख्या पार्किंग की क्षमता के अनुरूप होगी। इनकी मदद से बड़े और छोटे वाहनों को पार्किंग से जोड़ने वाले मार्गों से हटाया जा सकेगा। 

कुंभ के दौरान हर दिन करीब 12 लाख श्रद्धालुओं के संगम स्नान जबकि 10 लाख के करीब मेला क्षेत्र में स्थाई रूप से रूकने का अनुमान है। इसी के अनुसार पूरे मेला क्षेत्र को 22 सेक्टर में विभाजित किया जाएगा। इसी के अनुसार जरूरत पड़ने पर पार्किंग स्थलों को बढ़ाने या घटाने पर भी विचार होगा।