राज्यसभा में सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन बिल पेश किया। केन्द्र सरकार को इस बिल के लिए कई क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिला। हालांकि जदयू ने इस का विरोध किया। लेकिन इस विरोध करने वाली सबसे बड़ी कांग्रेस को अन्य विपक्षी दलों ने भी समर्थन नहीं दिया। जिसके बाद पार्टी सदन में अलग-थलग नजर आई। अब कांग्रेस की परेशानी यहीं नहीं कम हुई है बल्कि पार्टी में भी दो गुट हो गए हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाने के राज्यसभा में विरोध तो किया लेकिन उसे सदन में विपक्षी दलों का समर्थन नहीं मिला। अब हालात ये हैं कि कांग्रेस अपने ही घर में इस मुद्दे पर दो हिस्सों में बंटती जा रही है। हालांकि अभी तक सोनिया, राहुल और प्रियंका ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है।

लेकिन पार्टी के कई नेता केन्द्र सरकार के इस फैसले के पक्ष में खड़े हो गए हैं। जो पार्टी के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर सकता है। वहीं कल राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद भुवनेश्वर कलिता ने इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है।

राज्यसभा में सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन बिल पेश किया। केन्द्र सरकार को इस बिल के लिए कई क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिला। हालांकि जदयू ने इस का विरोध किया। लेकिन इस विरोध करने वाली सबसे बड़ी कांग्रेस को अन्य विपक्षी दलों ने भी समर्थन नहीं दिया।

जिसके बाद पार्टी सदन में अलग-थलग नजर आई। अब कांग्रेस की परेशानी यहीं नहीं कम हुई है बल्कि पार्टी में भी दो गुट हो गए हैं। पार्टी का एक गुट विरोध कर रहा है तो दूसरा गुट खुलेतौर पर इसके समर्थन में उतर आया है।

पार्टी के रणनीतिकार रहे जनार्दन द्विवेदी ने खुलेतौर पर कहा कि केन्द्र सरकार ने इस गलती को सुधारा है भले इस मामले में देर हुई है। असल में द्विवेदी का ‘गलती’ शब्द कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकता है। यानी उन्होंने दबी जुबान में ये कह दिया है कि ये गलती कांग्रेस ने की थी। 

वही जनार्दन द्विवेदी के बाद हरियाणा से पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा और मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने भी अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया है। इसी तरह रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने केन्द्र सरकार के इस बिल का समर्थन किया है। अदिति सिंह कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गांधी परिवार की करीबी मानी जाती हैं।

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दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया कि 21वीं सदी में इसकी कोई जगह ही नहीं है। हुड्डा ने ट्वीट किया था, 'मेरी व्यतिगत राय रही है कि 21वी सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए। वहीं राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले मिलिंद देवड़ा ने भी संकेतों में इसका समर्थन किया।

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देवड़ा ने अपने ट्वीट कर कहा कि दुर्भाग्य से आर्टिकल 370 के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है। पार्टियों को अपने वैचारिक मतभेदों को किनारे कर भारत की संप्रभुता, कश्मीर शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से सोचना चाहिए।

वहीं रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने भी पार्टी के रुख से इतर अपनी राय रखी है। ट्विटर के जरिए अदिति सिंह ने संदेश दिया है कि आर्टिकल 370 के साथ 'युनाइटेड वी स्टैंड, जय हिंद' लिखा।

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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद भुबनेश्वर कलिता ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले संजय सिंह राज्यसभा से इस्तीफा दि दिया था। राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।