मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना की गठबंधन की सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। शिवसेना की सहयोगी एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना सांसद संजय राउत को आड़े हाथों लेते ये कहा कि उन्हें माफिया डॉन करीम लाला और इंदिरा गांधी के बारे में बयान देने से परहेज करना चाहिए था। संजय राउत ने बयान दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मुंबई के माफिया डॉन करीम लाला से मिला करती थीं। जिसके बाद देश में सियायत शुरू हो गई। हालांकि कांग्रेस ने इस तरह की किसी  भी मुलाकात से मना किया है।

कभी इंदिरा गांधी के करीबी माने जाने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने साफतौर पर कहा कि शिवसेना सांसद संजय राउत को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था। जिसका कोई आधार न हो। वहीं अपने बयान के बाद राउत ने इसे वापस ले लिया था और इसका दोष मीडिया को दिया था। हालांकि राउत के बयान के बाद राजनीति शुरू हो गई थी और वहीं कांग्रेस भी बैकफुट पर आ गई थी।

राउत ने कहा था कि पूर्व पीए इंदिरा गांधी मुंबई दौरों के दौरान माफिया डॉन करीम लाला से मिला करती थीं। जिसके बाद कांग्रेस और एनसीपी ने राउत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। गौरतलब है कि राज्य की शिवसेना सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सीएए और एनआरसी को लेकर शिवसेना सरकार पर एनसीपी और कांग्रेस का जबरदस्त दबाव है। हालांकि शिवसेना सरकार कह चुकी है कि वह राज्य में नागरिकता कानून को लागू नहीं करेगी। लेकिन एनसीपी और कांग्रेस चाहते हैं कि सरकार इसके लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाए और जिसे पारित किया जाए।

हालांकि शिवसेना ऐसा कर अपने मतदाताओं को नाराज नहीं करना चाहती है। हालांकि माफिया डॉन हाजी मस्तान के साथ पवार के मंच साझा करने पर उन्होंने कहा कि एक चुनाव प्रचार रैली में गैंगस्टर हाजी मस्तान के साथ मंच साझा किया था। लेकिन मैं उसे नहीं जानता था। मैं  चुनाव प्रचार के लिए मोहम्मद अली रोड गया था।