इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस बहुत मामूली बहुमत से सत्ता में है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने राजस्थान और मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी है। अगर बसपा अपना समर्थन वापस खींच लेती है तो कांग्रेस के सामने सरकार बचाने की चुनौती खड़ी हो जाएगी।
बहुजन समाज पार्टी ने एक प्रेस रिलीज जारी करके राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी है। बसपा अध्यक्ष मायावती की मांग है कि इन दोनो राज्यों में अप्रैल 2018 में एससी/एसटी एक्टय को लेकर हुए भारत बंद के दौरान दर्ज किए गए मामलों को वापस लिया जाए। पार्टी का आरोप है कि बीजेपी राज में राजनीतिक और जातिगत विद्वेष से निर्दोष लोगों पर मुक़दमे दर्ज किए गए थे।
बसपा की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है, '2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान एससी/एसटी एक्ट 1989 के तहत राजस्थान और मध्यप्रदेश में जो केस दर्ज किया गया था उसे वापस लिया जाए, नहीं तो हमारी पार्टी कांग्रेस से समर्थन वापस ले लेगी।'
इसके साथ ही कांग्रेस को सलाह दी गई है कि एमपी, राजस्थाेन और छत्तीपसगढ़ सरकार किसानों व बेरोजगारों के लिए फौरन उचित कदम उठाए।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में बसपा के दो उम्मीदवार जीते हैं। भिंड में संजीव सिंह बड़े वोटो के अंतर से जीते हैं तो वहीं पथरिया से गोविंद सिंह ने 2205 वोटो से जीत हासिल की।
हालांकि राजस्थान में बसपा ने छह सीटें जीती हैं। राजस्थाोन में बसपा ने उदयपुरवाटी, नगर, करौली, किशनगढ़बास, तिजारा और नदबई सीटों पर जीत दर्ज की है।
मायावती 2019 के आम चुनावों से पहले कांग्रेस को लगातार आंख दिखा रही है। उत्त र प्रदेश में बसपा और समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में उतरने की संभावना जताई जा रही है। इस गठबंधन में अभी तक कांग्रेस को शामिल नहीं किया गया है।
Last Updated Feb 9, 2019, 6:31 PM IST