भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक में आरोपी मेहुल चोकसी अब ऐसे देशों में अपने बिजनेस बढ़ाना चाहता है, जहां चीन और सीरिया के नागरिक सबसे ज्यादा संख्या में बसे हैं। भारत से भागे 7,080 करोड़ रुपये के आर्थिक घोटाले के आरोपी चोकसी ने एंटीगुआ और बरबूडा को अपना नया ठिकाना बनाया है। 

विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चोकसी ने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए पिछले साल ही एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली थी। अब वह एंटीगुआ के पासपोर्ट पर 132 देशों की वीजा मुक्त यात्रा कर सकता है। 

एंटीगुआ और बरबूडा सरकार की आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, छोटे द्वीपीय देश चीनी नागरिकों की  पसंदीदा जगह बनते जा रहे हैं। इन दोनों देशों में नगारिकता के लिए सबसे ज्यादा आवेदन चीन से ही आ रहे हैं। एंटीगुआ और बरबूडा की ओर से विदेशी नागरिकों को दी जाने वाली नागरिकता में आधी से ज्यादा संख्या (51%) चीन के लोगों की है। यह एक रिकॉर्ड है। 

आधिकारिक डाटा से पता चला है कि कुल 28 भारतीयों ने नागरिकता के लिए एंटीगुआ और बरबूडा की सरकारों से संपर्क किया है। वहीं 50 सीरियाई और 49 रूसी नागरिक भी इन देशों में नागरिकता के लिए अनुरोध कर चुके हैं। 

एंटीगुआ के समाचारपत्र 'डेली ऑब्जर्वर' ने चोकसी के वकील के हवाले से कहा, 'मैंने निवेश कार्यक्रम के तहत एंटीगुआ और बरबूडा की नागरिकता के लिए कानून के तहत आवेदन किया है। मेरे आवेदन पर विचार के दौरान मैंने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया। इसी के तहत मेरा नागरिकता आवेदन स्वीकार कर लिय गया।'

अब, भारत सरकार के लिए एंटीगुआ और बरबूडा की सरकारों पर चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए दबाव बनाना मुश्किल होगा, क्योंकि दोनों देशों के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। हालांकि बरबूडा और एंटीगुआ की सरकार ने कहा है कि वे भारत की ओर से किसी भी 'न्यायसंगत' अनुरोध का कानून के अनुसार सम्मान करने के लिए सभी प्रयास करेंगे। 

चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध अभी इंटरपोल के पास लंबित पड़ा है। हालांकि इसे कुछ हफ्ते में मंजूरी मिल जाने की संभावना है।

चोकसी और उसकी कंपनियों पर भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से फर्जी पत्रों (लेटर ऑप अंडरस्टैंडिंग) के जरिये कर्ज लेने का आरोप है। इस संबंध में मुंबई की एक विशेष अदालत में एक चार्जशीट भी दाखिल की गई है। इसमें साढ़े तीन महीने की जांच के बाद सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक के डेप्यूटी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी को गिरफ्तार किया था। उस पर चोकसी की कंपनियों को एलओयू लागू करने के लिए एक करोड़ रुपये लेने का आरोप था।