केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अभूतपूर्व निर्णय में जम्मू-कश्मीर में पंचायतों के वित्तीय अधिकार को ₹1,00,000 तक बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले में पंचायतों को अब पहले से 10 गुना ज्यादा वित्तीय राशि दी जाएगी।

इसका ऐलान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर के माध्यम से किया। उन्होंने कहा कि पंचायतों के वित्तीय अधिकार को 10 हज़ार से बढ़ाकर 1 लाख करने का फैसला लिया गया है। इसी तरह ब्लॉक काउंसिल की शक्तियों को 25 हजार से 10 गुना बढ़ाकर  2.5 लाख कर दिया गया है।

गृह मंत्रालय ने पंचायतों को अपने फंड्स को जुटाने के लिए भी अब बिल्डिंग परमीशन और इंटरटेनमेंट टैक्स जैसी शक्तियां दे दी हैं। पंचायतों और निकाय चुनाव को लोकतंत्र का आधार बताते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पंचायती और निकाय चुनाव लोकतंत्र के आधार को मजबूत करेंगे। 

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अगले महीने स्थानीय निकाय का चुनाव पूरा होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्र पंचायतों के प्रशासनिक नियंत्रण में आ जाएंगे।

गृह मंत्री ने कहा कि "स्वधन सृजन" के तहत पंचायतों को इमारतों के निर्माण की मंजूरी का शुल्क, मनोरंजन कर, विज्ञापन, होर्डिंग, विभिन्न प्रकार के कारोबार और पेशों से कर जुटाने के अधिकार दिए जाएंगे।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘संविधान के 73वें संशोधन के तहत पंचायतों को हस्तांतरित किए गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्र जैसे संस्थान सहित सभी 29 विषयों के कामकाज जम्मू-कश्मीर की पंचायतों को हस्तांतरित किए जाएंगे।’ 

संसद में 1993 में 73वां संविधान संशोधन अधिनियम पारित किया गया था। संशोधन से पंचायती राज संस्थानों को संवैधानिक दर्जा दिया गया। अधिनियम जम्मू-कश्मीर को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के लिए लागू हुआ था।

जम्मू-कश्मीर में 4,130 सरपंचों, 29,719 पंचों और 1,145 वार्ड आयुक्तों के निर्वाचन के लिए अगले महीने चुनाव होंगे। सिंह ने कहा कि चुनाव से 14वें वित्त आयोग का करीब 4,335 करोड़ रुपये का केंद्रीय अनुदान विधिवत गठित स्थानीय निकायों को उपलब्ध कराने का रास्ता साफ हो जाएगा।