मुंबई—महाराष्ट्र कांग्रेस में जारी अंतर्कलह खुलकर सामने आ गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व लोकसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने मुंबई कांग्रेस में जारी अंतर्कलह पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे महानगर में पार्टी का जनाधार खतरे में पड़ गया है।

उन्होंने कहा कि मुंबई कांग्रेस में जो कुछ चल रहा है उससे वह निराश हैं। देवड़ा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। उनके इस बयान से मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम से उनके मतभेद सामने आ गए हैं।

देवड़ा ने यह भी कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने पर फिर से विचार करेंगे और यदि मौजूदा स्थिति कायम रही तो वह राजनीति में नहीं रहना चाहेंगे। एक के बाद एक कई ट्वीट कर देवड़ा ने कहा कि कांग्रेस की मुंबई इकाई गुटबाजी का मैदान नहीं बन सकती, जिसमें (पार्टी के) एक नेता को दूसरे नेता से भिड़ाया जाए।  

उन्होंने कहा कि वह पार्टी के अंदरूनी मामलों पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं करना चाहते थे, लेकिन एक हालिया इंटरव्यू में की गई टिप्पणियों ने उन्हें बाध्य कर दिया कि वह मुंबई कांग्रेस को शहर की विविधता का प्रतीक बनाए रखने को लेकर अपनी ठोस प्रतिबद्धता दोहराएं। देवड़ा ने कहा कि मुंबई जैसे शहर में लोगों को साथ लाने की जरूरत है। 

 

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जो कुछ भी हो रहा है उससे मैं निराश हूं और लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मेरे रुख से पार्टी अवगत है। बहरहाल, मुझे अपने केंद्रीय नेतृत्व और हमारी पार्टी की विचारधारा एवं सिद्धांतों को लेकर उसकी प्रतिबद्धता पर पूरा यकीन है।’’ 

देवड़ा ने कहा, ‘‘मैं मुंबई में कांग्रेस के सभी नेताओं से अपील करता हूं कि वे एक टीम के तौर पर एकजुट रहें। अपनी पार्टी और कांग्रेस अध्यक्ष (राहुल गांधी) के लिए हमें इतना तो करना ही चाहिए।’’

एक के बाद एक कई ट्वीट कर देवड़ा ने कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने पर पुनर्विचार करेंगे। अगर वर्तमान स्थिति बरकरार रही तो वह राजनीति में भी नहीं रहना चाहते। उन्होंने कहा कि मुंबई कांग्रेस सांप्रदायिक राजनीति के लिए एक क्रिकेट पिच नहीं बन सकती, जिसमें नेता एक दूसरे के खिलाफ खड़े किए जाएं।

देवड़ा ने कहा कि उनका इरादा पार्टी के अंदरूनी मसलों पर सार्वजनिक चर्चा का नहीं था। लेकिन हाल में एक साक्षात्कार में की गई टिप्पणियों ने उन्हें इस बात के लिए बाध्य किया कि वह शहर की विविधता का प्रतीक बने रहने की मुंबई कांग्रेस की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराएं। उन्होंने कहा कि आर्थिक और सांस्कृति राजधानी मुंबई में लोगों को साथ लाने की जरूरत है।