केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने यौन दुराचार के आरोपों पर सफाई देने के बाद पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में आपराधिक मानहानि की निजी शिकायत दायर की है। वकील के माध्यम से दायर शिकायत में विदेश राज्य मंत्री ने रमानी पर ‘जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से’ उनकी मानहानि करने का आरोप लगाया और इसके लिए पत्रकार के खिलाफ मानहानि से जुड़ी आईपीसी की धारा के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की।

अकबर ने कोर्ट में उनका केस लड़ने के लिए एक 97 वकीलों वाली एक प्रख्यात लॉ फर्म को नियुक्त किया है। आईपीसी के सेक्शन 499 और 500 के तहत उनके खिलाफ मीडिया में झूठे और मानहानि वाले बयान देने का आरोप लगाया गया है। उधर, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट में सिर्फ छह वकील ही अकबर के पक्ष में उतरेंगे। 

मानहानि का मुकदमा दर्ज होने के बाद रमानी ने एक बयान में कहा, 'मैं इस बात से निराश हूं कि एक केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं द्वारा विस्तार से लगाए गए आरोपों को एक राजनीतिक साजिश कहकर खारिज कर दिया। मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस कर एमजे अकबर ने अपना रुख साफ कर दिया है। वह धमकाकर और उत्पीड़न के जरिये आवाज बंद करना चाहते हैं।'

रमानी ने कहा, 'यह कहने की जरूरत नहीं है कि मैं खुद पर लगे मानहानि के आरोपों से लड़ने के लिए तैयार हूं। सच और सिर्फ सच ही मेरा बचाव है।'

अकबर पर करीब एक दर्जन महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इसके बाद विपक्षी दल उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। रविवार को सफाई देते हुए अकबर ने कहा था, ‘कुछ लोगों को सबूत के बिना आरोप लगाने का संक्रामक बुखार हो गया है। मामला जो भी हो अब मैं विदेश दौरे से लौट आया हूं। मेरे वकील इन बेबुनियाद आरोपों का पता लगाएंगे और आगे की कानूनी कार्रवाई पर फैसला लेंगे।’ 

2014 लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हुए अकबर 2016 से विदेश राज्यमंत्री हैं। दैनिक अखबार ‘द टेलीग्राफ’ और पत्रिका ‘संडे’ के संस्थापक संपादक रहे अकबर 1989 में राजनीति में आने से पहले मीडिया में एक बड़ी हस्ती के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बने।

रमानी के बाद 11 महिला पत्रकारों ने भी अपनी शिकायतों का खुलासा किया। इनमें फोर्स पत्रिका की कार्यकारी संपादक गजाला वहाब, अमेरिकी पत्रकार मजली डे पे कैंप और इंग्लैंड की पत्रकार रूथ डेविड शामिल हैं। इसके अलावा, प्रेरणा सिंह बिंद्रा, सुप्तपा पॉल, अंजू भारती, सुपर्णा शर्मा, शुमा राहा, मालिनी भूपता, कनिका गहलौत और कादंबरी वाड़े ने भी अकबर पर आरोप लगाए हैं।

दुनिया भर में यौन शोषण के खिलाफ शुरू हुए #MeToo अभियान ने हाल में भारत में जोर पकड़ा और एक के बाद एक कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों के खिलाफ कथित यौन शोषण के मामले सामने आए हैं।