नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में केन्द्र की मोदी सरकार ने कई मोर्चों पर फतह की है। केन्द्र सरकार को नागरिकता संशोधन बिल को संसद के दोनों सदनों में पारित कराने में सफलता मिली है। इस सत्र में लोकसभा में 14 और राज्यसभा में 15 बिल पास हुए। हालांकि नागरिकता बिल को लेकर पूर्वोत्तर और गैर भाजपा शासित राज्यों में विरोध हो रहा है। 

इस सत्र में केन्द्र की मोदी-2 सरकार को कई मोर्चों पर सफलता मिली है। अपने दूसरे कार्यकाल के दूसरे सत्र में सरकार ने कई बिलों को पारित किया। जिसको लेकर पिछले कई सालों से विवाद था। पिछले सत्र में केन्द्र सरकार अनुच्छेद 370 और तीन तलाक बिल को पारित कराने में सफल रही थी। तो इस शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन बिल को संसद के दोनों सदनों पारित कराया गया। केन्द्र की मोदी सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है।

लेकिन राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद सरकार इसे पारित कराने में सफल रही है। इस सत्र में लोकसभा में 14 तो राज्यसभा में 15 बिलों को मंजूरी मिली। हालांकि केन्द्र सरकार ने दिल्ली में होने वाले विधानसभा को देखते हुए बड़ा दांव चला और अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित को मंजूरी दी। इस दांव से केन्द्र सरकार ने अपने विरोधियों को चुनाव से पहले ही पटखनी दी। हालांकि संसद में सत्र नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जमकर हंगामा हुआ। लेकिन सरकार के लिए खुशखबरी इस बात की रही कि उसके सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने नागरिकता संशोधन बिल पर उसे समर्थन दिया। जबकि शिवसेना ने परोक्ष तौर पर राज्यसभा में समर्थन दिया और राज्यसभा से वॉकआउट किया।

हालांकि शिवसेना ने लोकसभा में इस बिल के पक्ष में वोट गया। लेकिन राज्यसभा में महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार की मजबूरियों के चलते यू टर्न लिया और वोटिंग के दौरान सदन से बाहर चले गए। संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन बिल, राष्ट्रीय स्मारक, ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा), केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक, सरोगेसी विनियमन, कॉरपोरेट कर कम करने संबंधी संशोधन, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रतिबंध और अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित के बिल पास हुए।