नई दिल्ली। ब्रिटेन में हुए आम चुनाव के परिणाम में कंजर्वेटिव पार्टी को जबरदस्त सफलता मिली है। लेकिन इस परिणाम में भारतीय मूल के लोगों को भी जबरदस्त सफलता मिली है। सत्ताधारी और विपक्ष लेबर पार्टी के टिकट के करीब 15 भारतीय मूल के सांसद जीते हैं। लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि नई सरकार में भारतीय को भी स्थान मिलेगा। दिलचस्प ये है कि भारतीय मूल के सभी सांसदों ने अपनी अपनी पर फिर कब्जा बरकरार रखा है।

हालांकि ब्रिटेन में हुए इस चुनाव में भारतीय मूल के कुछ नए उम्मीदवारों को पहली बार जीत मिली है। लेकिन सत्ताधारी और विपक्षी दलों में से 15 उम्मीदवार संसद पहुंचे हैं। इस चुनाव में बोरिस जॉनसन की अगुवाई में कंजर्वेटिव पार्टी 1987 के बाद सबसे बड़ी जीत हासिल की है। उम्मीद की जा रही है कि नई सरकार में भारतीय मूल के सांसदों को एक बार फिर शामिल किया जाएगा और पिछली बार की तुलना में उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी दी जाएगी। इस चुनाव में पहली बार कंजर्वेटिक पार्टी और लेबर की टिकट उतरे तीन सांसदों ने जीत दर्ज की है।

इसमें कंजर्वेटिव पार्टी के गगन मोहिंद्रा और गोवा मूल के क्लेयर कोर्टिन्हो और लेबर पार्टी के नवेंद्रु मिश्रा ब्रिटिश संसद में पहुंचे हैं। वहीं पिछले सरकार में गृहमंत्री का पद संभालने वाली प्रीति पटेल ने भी विटहेम से जीत दर्ज की है। माना जा रहा कि नई सरकार में वह और ज्यादा ताकतवर मंत्री बनेंगी। वहीं इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक ने एक बार फिर जीत दर्ज की है। वहीं आगरा के निवासी और पूर्व मंत्री आलोक शर्मा और शैलेश वारा चुनाव में जीते हैं।

इसके साथ ही सुएला ब्रेवरमैन ने फेयरहम सीट से जीत दर्ज की है और वह गोवा मूल के हैं। इस चुनाव में लेबर पार्टी को हार मिली है। लेकिन भारतीयों के लिए ये खुशखबरी ये है कि भारतीय मूल के सभी सांसद इस चुनाव में जाते हैं। पूर्व सांसद रह चुकी प्रीत कौर गिल ने एक बार फिर जीत दर्ज की है तो लेबर पार्टी के ही सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी भी चुनाव जीते हैं। वहीं लेबर पार्टी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़े नवेंद्रु मिश्रा भी चुनाव जीते हैं। इसके साथ ही भारतीय मूल के वीरेंद्र शर्मा, लीसा नैंडी, सीमा मल्होत्रा, कीथ वाज की बहन वलेरी वाज ने भी जीत हासिल की है।