भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो से फोन में बात कर अपना स्टैंड उन्हें बताया है। डोवल ने अमेरिका को बताया कि उसने पाकिस्तान में जैश के आंतकी ठिकानों पर हमला किया है। वहीं अमेरिका ने भारत से कहा कि वह उसके साथ है।

भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे घमासान एनएसए ने अमेरिकी अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो से बातचीत की। ऐसा कहा जा रहा है कि डोवल ने टेलीफोन पर उनसे बातचीत की और अभी तक के भारतीय कार्यवाही के बारे में उन्हें बताया। कल ही कई देशों ने भारत का समर्थन करते हुए कहा कि वह भारत के साथ हैं। क्योंकि जिस तरह से पाकिस्तान में आंतकी कैंप चल रहे हैं उससे भारत को खतरा था। बुधवार को ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान विमान को मार गिराया। हालांकि एक भारतीय वायुसेना का विमान पाकिस्तानी सीमा के भीतर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसके कारण पाकिस्तान सेना ने उसके पायलट को अपने कब्जे में लिया है।

अब भारत सरकार पाकिस्तान पर उसे वापस करने के लिए दबाव बना रही है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही पायलट सकुशल भारत वापस आएंगे। उधर बुधवार को ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात करके आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग मांगा है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से अज़हर की वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध और संपत्ति को जब्त करने के लिए कहा है। समिति ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 13 मार्च तक का समय दिया है। फ्रांस के साथ ही अमेरिका ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन करने का ऐलान किया था।

अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अंबेसडर जॉन बोल्टन ने भारत के एनएसए अजित डोवल से बातचीत में कहा था कि हम इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। फ्रांस एक मार्च को औपचारिक तौर पर एक महीने के लिए सुरक्षा परिषद के अध्‍यक्ष की जिम्मेदारी संभालेगा। दरअसल, पंद्रह राष्ट्रों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर माह एक देश से दूसरे देश के हाथ में जाती है और एक मार्च को इसकी अध्यक्षता इक्वेटोरियल गुयाना से फ्रांस के पास चली जाएगी। फांस ने यह संकेत दिया है कि वह अपनी अध्यक्षता के दौरान मसूद अजहर के खिलाफ और कड़े कदम उठाएगा।