पटना। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा सभा से पहले राज्य में बड़े सियासी उठटपटक देखने को मिल सकती है। जहां विपक्षी दलों के महागठबंधन में हिंदुस्तानी आवाम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी राष्ट्रीय जनता दल के रूख से नाराज हैं वहीं राज्य की सत्ताधारी जनता दल यूनाइेटड की अगुवाई वाले एनडीए में लोकजनशक्ति पार्टी राज्य के सीएम नीतीश कुमार से नाराज है और अब पार्टी ने संकेत दिए हैं कि वह बिहार में नीतीश सरकार से समर्थन ले सकती है। वहीं काफी अरसे से लोजपा नेता चिराग पासवान राजद नेता तेजस्वी यादव के सुर में सुर मिला रहे हैं और राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा  कर रहे  हैं।

राज्य में माना जा रहा है कि नीतीश कुमार भी लोजपा नेता चिराग पासवान के रूख से नाराज हैं। चिराग राज्य सरकार के खिलाफ परोक्ष तौर पर मोर्चा खोले हुए हैं।  चिराग ने कई बार राज्य सरकार की खुले आम आलोचना की है। इससे विपक्षी दलों को राज्य सरकार पर आरोप लगाने का मौका मिल गया है।  राज्य में हालांकि लोजपा नीतीश सरकार को समर्थन दे रही है। राज्य की 243 सदस्यों की विधानसभा में लोजपा के महज 2 विधायक हैं। वहीं लोजपा ने नीतीश कुमार सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी है। हालांकि सरकार पर उनके समर्थन के बावजूद कोई खतरा नहीं है। लेकिन अगर ऐसा होता हो तो सांकेतिक तौर पर ये एनडीए में टूट होगी। इसी बीच गुरुवार को लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।

इस बैठक में लोजपा नेता चिराग ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार द्वारा उन्हें खास तवज्जो नहीं दिए जाने का मुद्दा भी उठाया था। इसी बीच नीतीश की सरकार को समर्थन देने और वापस लेने को लेकर पटना के लोजपा कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है।असल में पिछले दिनों जनता दल यूनाइटेड के नेता ललन सिंह ने पासवान पर परोक्ष तौर पर टिप्पणी करते तंज कसा था। ललन सिंह ने कहा था कि कुछ लोग कालिदास की तरह पेड़ की उसी शाखा को काट रहे हैं, जिस पर वह बैठे हैं।  इस पर लोजपा का कहना है कि इस तंज के जरिए पासवान निशाना बनाया है।

लोजपा भी अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में

असल में बिहार में होने वाले चुनाव से पहले भाजपा और जदयू के बीच सीटों के बंटवारे के  लिए बातचीत चल रही है। लेकिन अभी तक सहयोगी दल होने के नाते इस बैठक में लोजपा को नहीं बुलाया गया है। वहीं जदयू का कहना है कि लोजपा को भाजपा अपने कोटे से सीट दें और वह सीटों के बंटवारे में  किसी दल को  शामिल करने पक्ष में नहीं है।