नई दिल्ली- सरकार अब कस्टमर्स के वेरिफिकेशन के लिए नया ऑफलाइन फॉर्मूला लेकर आई है। इसमें न तो बायोमीट्रिक डाटा शेयर करना होगा और न ही आधार के सर्वर के इस्तेमाल की जरुरत होगी। 

इस प्रक्रिया में यूजर्स की निजता की पूरी सुरक्षा होगी और डेटा के गलत इस्तेमाल और उसके ट्रैकिंग की आशंकाओं से भी निजात मिल जाएगा। 

इस प्रक्रिया को सरकार समेत सभी सर्विस प्रोवाइडर इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे बैंक जैसे आर्थिक मामलों में डील कर रही कंपनियों को सुविधा मिलेगी, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वेरिफिकेशन के लिए आधार के सर्वर तक पहुंचने से वंचित रह गई हैं। 

इसमें सर्विस प्रोवाइडर क्याआर कोड डाउनलोड या स्कैन भी कर सकता है। यूडीआईएआई ने इस काम के लिए पेपरलेस वेरिफिकेशन का भी प्रस्ताव रखा है। 
 
इस प्रक्रिया के द्वारा बैंक अकाउंट खोलने और नया सिम कार्ड हासिल करना आसान हो जाएगा और इसके लिए आधार कार्ड दिए जाने की जरुरत भी नहीं होगी।