नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून पर पार्टी की लाइन से विरूद्ध जाकर पार्टी नेतृत्व की आलोचना करने वाले जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार यानी पीके फिलहाल छोड़ना नहीं चाहते हैं। पीके कई बार सोशल मीडिया में कई बार पार्टी के फैसले के खिलाफ बयान दे चुके हैं। लेकिन माना जा रहा है कि नीतीश कुमार पीके को छोड़ना नहीं चाहते हैं। जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार ने पीके को साफ कर दिया है कि पार्टी नागरिकता कानून के पक्ष में है लेकिन एनआरसी के मुद्दे पर केन्द्र सरकार के साथ नहीं है।

प्रशांत कुमार ने पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश से मुलाकात की। शनिवार को ही पीके ने कहा कि वह पार्टी प्रमुख से मिलकर अपनी बात रखेंगे। हालांकि पार्टी में पीके के दखल को देखते हुए पार्टी का एक धड़ा पीके उनके खिलाफ कार्यवाही करने का दबाव बना रहा था। लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं कि पीके के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाए। इस बैठक में पीके ने नीतीश कुमार के सामने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। नीतीश ने प्रशांत किशोर से कहा कि आप पार्टी में हैं और बने रहेंगे।

असल में पीके ने नीतीश कुमार ने कहा कि सिटीजन कानून नागरिकता का है। लेकिन आने वाले समय में केन्द्र सरकार एनआरसी बिल लाएगी। जिस पर भेदभाव होगा। लिहाजा उन्होंने नीतीश कुमार को अपने रूख से अवगत करा दिया। वहीं नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ है। लेकिन नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उन्हें कोई समस्या नहीं है। हालांकि पार्टी के महासचिव और नीतीश कुमार के करीबी आरसीबी सिंह ने भी नागरिकता कानून को लेकर पीके के स्टैंड को गलत बताया । वहीं पीके ने उनके बयान पर कहा कि जिन्हें उनके ऊपर आरोप लगाने वह लगा सकते हैं।