पाकिस्तान को सऊदी अरब का करीबी माना जाता है और सऊदी अरब में पाकिस्तान में बड़ा निवेश किया है। जो सीधे तौर पर प्रभावित होगा। गौरतलब है कि पिछले साल संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक के बाद पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने ईरानी मंत्री से मुलाकात की थी। जिसके बाद सऊदी अरब ने पाकिस्तान के पीएम को अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
नई दिल्ली। पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। अमेरिका और ईरान के बीच अभी भी युद्ध की आशंका खत्म नहीं हुई है। अगर दोनों देशों के बीच रिश्ते और ज्यादा खराब होते हैं तो इसका असर सऊदी अरब और ईरान के रिश्तों पर भी पड़ेगा। क्योंकि ईरान और सऊदी अरब एक दूसरे को दुश्मन मानते हैं। वहीं इन दोनों देशों के बीच में सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को ही होगा। क्योंकि एक तरफ जाने से दूसरा देश नाराज होगा। हालांकि पाकिस्तान के कभी भी ईरान के साथ अच्छे संबंध नहीं रहे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चिंता जताई है कि अगर सऊदी अरब और ईरान के बीच युद्ध होता है तो ये पाकिस्तान के लिए विनाशकारी होगा। पाकिस्तान को सऊदी अरब का करीबी माना जाता है और सऊदी अरब में पाकिस्तान में बड़ा निवेश किया है। जो सीधे तौर पर प्रभावित होगा। गौरतलब है कि पिछले साल संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक के बाद पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने ईरानी मंत्री से मुलाकात की थी। जिसके बाद सऊदी अरब ने पाकिस्तान के पीएम को अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
क्योंकि सऊदी अरब और अमेरिका करीबी हैं और ईरान इन दोनों देशों को अपना दुश्मन मानता है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम हुआ है। लेकिन ईरान ने अमेरिका को बड़ा नुकसान पहुंचाने की धमकी दी है। वहीं अमेरिका अभी शांत है। लेकिन ईरान के किसी भी एक्शन का अमेरिका मुंहतोड़ जवाब देगा। पाकिस्तान के पीएम ने साफ तौर पर कहा कि दोनों देशों के बीच टकराव न हो।
ये पाकिस्तान के लिए अच्छा होगा। हालांकि पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि इस्लामाबाद ने तेहरान के साथ एक अच्छा रिश्ता बनाए रखा है। जबकि सऊदी अरब पाकिस्तान का दोस्त है। पिछले दिनों ही पाकिस्तान ने अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को तेहरान और रियाद भेजा था। जबकि ईरान के विदेश मंत्री ने भारत आकर ईरान और अमेरिका के बीच तनाव कम करने के लिए मदद मांगी थी।
Last Updated Jan 19, 2020, 9:01 AM IST