नेशनल डेस्क। नए संसद भवन में प्रवेश करने से पहले पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में विदाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये सदन हमारी भावनाओं से भरा हुआ है। यहां से जाना वाकई में भावुक पल है। आजादी से पूर्व इसे लाइब्रेरी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था लेकिन आजादी के बाद ये भारत के लोकतंत्र का मंदिर बना। जो ऐतिहासिक फैसलों का गवाह रहा है। संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि पुराने भवन को अब संविधान सदन के नाम से जाना जाए।

शाहबानों केस को पीएम मोदी ने किया याद

संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यहीं पर 1947 में आजाद भारत को अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हंस्ताररित की थी। यह सदन उसका प्रक्रिया का साक्षी है। हमनें राष्ट्रगान और तिरंगे को यहीं पर अपनाया था। यहीं पर 4 हजार से ज्यादा कानून पास हुए। इसी संसद में मुस्लिम बहन-बेटियों को न्याय की प्रतीक्षा था। शाहबनानों केस के कारण गाड़ी उल्टी पाटी पर चली गई थी लेकिन सदन ने उस गलती को ठीक किया। 

फोटो सेशन में सांसदों ने लिया भाग

बता दें, लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों ने सेंट्रल हॉल के पास एक साथ फोटो सेशन कराया। इस दौरान, पीएम मोदी, राहुल गांधी और विपक्ष के सभी सांसद मौजूद रहे। लोकसभा-राज्यसभा सांसदों के अलग-अलग फोटो सेशन के बाद दोनों सदनों के सांसदों का ज्वाइंट फोटोशूट भी हुआ।

बेहद हाईटेक है नया संसद भवन

नए संसद को हाइटेक तकनीक के साथ बनाया गया है। सदन में प्रवेश करने के लिए सांसदों को बायोम्रैटिक कार्ड जारी किए गए हैं। संसद अलग-अलग भाषा में भाषण सुन सकेंगे। यह सुविधा 22 भाषाओं में उपलब्ध होगी। संसद पूरी तरह से पेपरलेस है। यहां सांसदों के टेबल पर एक कम्यूटर है। जिसमें मंत्री और सांसद से जुड़ा हर दस्तावेज और मुख्य जानकाररी होगी। 

महिला आरक्षण बिल पर हलचल

माना जा रहा है, नए संसद भवन की शुरुआत महिला आरक्षणन बिल के साथ हो सकती है। अटकलें लगाईं जा रही हैं कि केंद्र सरकार जल्द इसे लोकसभा में पेश कर सकती है। बता दें, ये कोई पहली बार नहीं है जब महिला आरक्षण बिल चर्चा में हो। 1996 से 27 साल में संसद में ये मुद्दा उठाया गया है। 2010 में ये राज्यसभा में पास हो गया था लेकिन लोकसभा में पारित नहीं हो सका था।