1. अविश्वास प्रस्ताव परः मोदी हटाओ, ये नारा है। मैं हैरान हूं, अभी तो चर्चा शुरू हुई थी, मतदान नहीं हुआ था, हार-जीत का फैसला नहीं हुआ था, फिर भी इन्हें यहां पहुंचने का उत्साह था- उठो! उठो! उठो! न यहां कोई उठा सकता है, न बैठा सकता है। सवा सौ करोड़ देशवासी ही उठा सकते हैं। इतनी जल्दबाजी क्या है?

2. आंख न मिलाने के आरोप परः यहां कहा गया कि प्रधानमंत्री अपनी आंख मेरी आंख में नहीं डाल सकते। हम कौन होते हैं, जो आपकी आंख में आंख डाल सकते हैं। आप तो नामदार हैं। हम कामदार हैं। हम तो गरीब परिवार के बेटे हैं। इतिहास गवाह है सुभाष चंद्र बोस ने कभी आंख में आंख डालने की कोशिश की तो क्या किया गया। मोरारजी देसाई, जयप्रकाश नारायण, चौधरी चरण सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, चंद्रशेखर, प्रणब मुखर्जी ने आंख में आंख डालने की कोशिश की, क्या किया गया? इतना ही नहीं, हमारे शरद पवार ने आंख में आंख डालने की कोशिश तो क्या किया था? मैं सारा कच्चा-चिट्ठा खोलकर रख सकता हूं।

3. आंख मारने परः  आंखों की बात करने वालों की आंखों की हरकतों को आज पूरे देश ने टीवी पर देख लिया। कैसे आंख खोली जा रही है, कैसे बंद की जा रही है? सत्य को आज बार-बार कुचला गया। 

4. शिवभक्त राहुलः आजकल शिव भक्ति की बातें हो रही हैं। भगवान आपको इतनी शक्ति दे कि 2024 में फिर से आपको अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाना पड़े।

5. डोकलाम और राफेलः  डोकलाम के विषय पर अगर जानकारी नहीं है तो बोलने से बचना चाहिए, जो डोकलाम पर बोलते हैं, वो चीनी राजदूत से मिलते हैं, देश की सुरक्षा को लेकर ऐसी बचकानी हरकतें नहीं करनी चाहिए। राफेल पर गुमराह करने का प्रयास किया गया। सर्जिकल स्ट्राइक को 'जुमला स्ट्राइक' कहा गया। देश के सेनाध्‍यक्ष के लिए गलत भाषा का इस्‍तेमाल किया गया। गाली देना है तो मुझे दो, देश की सेना को नहीं। 

6. भागीदार के आरोप परः आज यहां कहा गया कि आप चौकीदार नहीं, भागीदार हैं। मैं गर्व से कहना चाहता हूं हम चौकीदार भी हैं, भागीदार भी हैं, लेकिन हम न सौदागर हैं, न ठेकेदार हैं। हम देश के किसानों, गरीबों की पीड़ा के भागीदार हैं। हम देश के सपनों के भागीदार हैं। हम भागीदार हैं और भागीदार रहेंगे। 

7. अविश्वास परः कांग्रेस को योग दिवस पर, स्वच्छ भारत पर, चुनाव आयोग पर, न्यायपालिका पर, आरबीआई पर, यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय संस्थानों पर भरोसा नहीं, क्योंकि उन्हें खुद पर भरोसा नहीं है। 

8. अस्थिरता के माहौल परः सत्ता ही कांग्रेस का एकमात्र लक्ष्य रहा है। कांग्रेस झूठ बोलकर अस्थिरता फैलाती है। कांग्रेस का एक ही मंत्र है। या तो हम रहेंगे, नहीं रहे तो देश में अफवाहों का साम्राज्य रहेगा। अफवाहें उड़ाई जाती हैं। टेक्नोलॉजी भी उपलब्ध है। ये लोग इमोशनल ब्लैकमेल करके राजनीति करते हैं। उसी का कारण है देश का बड़ा तबका सशक्तिकरण से वंचित रहा।

9. राहुल की पीएम उम्मीदवारी पर:  कुछ लोग अहंकार करते हैं कि 2019 में सत्ता में आने नहीं देंगे। लोकतंत्र में जनता ही भाग्य विधाता होती है। 2019 में अगर कांग्रेस सबसे बड़ा दल बनती है तो मैं प्रधानमंत्री बनूंगा। लेकिन, दूसरों की भी ढेर सारी ख्वाहिशें हैं, उनका क्या होगा। ये सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं, कांग्रेस के तथाकथित साथियों का फोर्स टेस्ट है। 

10. टीडीपी के आरोप परः जब आंध्र और तेलंगाना का विभाजन हुआ, तब मैंने कहा था कि तेलुगू हमारी मां है, उसे टूटने नहीं देना चाहिए। लेकिन मां को छोड़कर बच्चे को बचा लिया गया। 2014 में आप ये मुसीबत छोड़कर गए थे। आपने भारत-पाकिस्तान का विभाजन किया, आज तक मुसीबतें झेल रहे हैं। ये आपकी आदत है। आपने कुछ नहीं सोचा।