ISRO Gaganyaan Mission: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के महत्वकांक्षी मिशन गगनयान का इंतजार हर देशवासी को है। ये मिशन कई मायनों में खास होने वाला है। जिसके तहत पहली बार भारत इंसानों को स्पेस में भेजेगा। पीएम मोदी ने 2018 में इस मिशन की घोषणा की थी। जिसके बाद से चर्चाएं होने लगी थीं कि किन अंतरिक्ष यात्रियों को इसरो स्पेस में भेजेगी। आखिर देशावासियों का इंतजार खत्म हो गया है और अब खुद प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष यात्रियों के नाम की घोषणा कर दी है। ग्रुप  प्रशांत बाबलाकृष्णण नायार,ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप,ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णण और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला है। इन सभी को बैंगलौर स्थित एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग केंद्र में कड़ी ट्रेनिंग दी गई है। 

हर तरह के फाइटर जेट उड़ाने में माहिर चारों एस्ट्रोनॉट

ग्रुप  प्रशांत बाबलाकृष्णण नायार,ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप,ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णण और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हर तरह के फाइटर जेट उड़ाने में माहिर है। इसलिए वह फाइटर जेट्स की कमी और खासियत से परिचित हैं। फिलहाल के लिए चारों बैंगलोर स्थित एस्ट्रोनॉट फैसिलिटी में रहकर ट्रेनिंग ले रहे हैं। यहां पर सवाल उठा सकता है कि इनका चयन कैसा किया गया तो जानकारी के लिए बता दें, सेलेक्शन इंस्टीट्यूट  ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) ने मिशन के लिए एस्ट्रोनॉट चुनने के लिए ट्रायल लिया था। जिसमें सैकड़ों पायलट पास हुए। फिर इनमें से टॉप-12 का सेलेक्शन किया गया। कई राउंड के बाद आखिर में जाकर इन चारों को गगनयान मिशन के एस्ट्रोनॉट के तौर पर चुना गया। जिसके बाद इन्हें ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा गया था। 

2007 से गगयान मिशन पर काम 

 इसरो ने 2020 में गगनयान मिशन का ऐलान किया था पर इसरो 2007 से गगनयान मिशन पर काम कर रहा है हालांकि बजट के कारण ये कभी पूरा नहीं हो पाया। गगनयान भारत का पहला मानव मिशन होगा। जिसके तहत इंसानो को स्पेस में भेजा जाएगा। मिशन के तहत एस्ट्रोनॉट्स को चार सौ किलोमीटर की ऊंचाई वाली कक्षा पर भेजने का प्लान है। जहां वह तीन दिनों तक रहेंगे और इसके बाद धरती पर लौटेंगे। गगनयान की लैडिंग समुद्र पर कराई जाएगी। जिसके लिए इसरो खुद इंसानों को ले जाने वाला रॉकेट,लाइफ सपोर्ट सिस्टम और इमरजेंसी स्केप तैयार कर रहा है।

2025 में पूरा होगा गगयान मिशन

बता दें,इसरो 2025 में महत्वकांक्षी मिशन गगनयान लॉन्च करेंगा। इसरो फिलहाल के लिए इसपर काम कर रहा है। वहीं बीते साल अक्टूबर महीने में श्रीहरिकोटा से गगनयान स्पेसक्रॉफ्ट को लॉन्च कर टेस्ट किया था और देखा गया था कि रॉकेट में खराबी आने की आपात स्थिति में एस्ट्रोनॉट सुरक्षित रूप से बच सकते हैं। वहीं चंद्रयान-3 के बाद भारत के लिए ये मिशन महत्वपूर्ण है। अगर भारत गगनयान मिशन में सफल हो जाता है तो अमेरिका,चीन और रूस के बाद भारत चौथा देश बन जाएगा जिसनें मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन स्पेस में भेजा होगा। 

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