प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी20 शिखर सम्मेलन समारोह में शामिल होने के लिए अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुंच गए हैं। वह उन्होंने सऊदी के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की और ऊर्जा की कीमतों को स्थिर करने पर बात की। साथ ही इस बात पर भी विशेष जोर दिया गया कि सऊदी अरब भारत के साथ कैसे काम कर सकता है। यह जानकारी आज विदेश सचिव विजय गोखले ने दी।
दोनों नेताओं ने इस विषय पर भी बात की, कि सऊदी अरब अगले दो से तीन वर्षों में अपने कार्यक्षेत्र को कैसे बढ़ा सकता है। उन्होंने एक ऐसा तंत्र स्थापित करने पर जोर दिया, जिसके अंतर्गत वे निवेश, प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में ठोस काम कर सकें। दो से तीन वर्षों के भीतर भारत में सऊदी अरब के महत्वपूर्ण निवेश को देखा जा सकेगा। सूत्रों के मुताबिक सऊदी क्राउन प्रिंस ने प्रधान मंत्री को यह भी बताया कि सऊदी अरब राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा कोष में प्रारंभिक निवेश को अंतिम रूप दे रहा है।
जी20 शिखर सम्मेलन का लक्ष्य निष्पक्ष और सतत रूप से आम सहमति के साथ विकास करना है। प्रधान मंत्री मोदी मंगलवार को अपने संबोधन में कहा था कि वे आने वाले दशक की नई चुनौतियों के बारे में विश्व के नेताओं के साथ मिलकर शिखर सम्मेलन में चर्चा करेंगें।
गुरुवार को ब्यूनस आयर्स में 'योग के लिए शांति' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक मुद्दों, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक स्थितियों जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करेंगें। उन्होंने यह भी कहा कि ये चर्चाएं पूरी दुनिया के हित में होंगी न कि सिर्फ भारत और अर्जेंटीना के।
भारत और अर्जेंटीना के बीच सांस्कृतिक संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत में डिएगो माराडोना को फुटबाल के पर्याय के नाम से जाना जाता है।
Looking forward to a wide range of interactions at the G-20 Summit, aimed at furthering sustainable development. https://t.co/6H2o7LcP2e
— Narendra Modi (@narendramodi) 29 नवंबर 2018
Last Updated Nov 30, 2018, 5:26 PM IST