प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में 'किसान सम्मान निधि योजना' की शुरुआत करते विपक्ष पर तीखा प्रहार किया।  पीएम ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि यह जो पैसा दिया जा रहा है, आपके हक का है। कोई इसे वापस नहीं ले सकता है। न मोदी और न ही राज्य की सरकार। ऐसी अफवाह फैलाने वालों को मुंहतोड़ जवाब दे देना। उधर, कांग्रेस ने इस योजना को वोट के लिए रिश्वत बताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि यह‘वोट के लिए रिश्वत’ से ज्यादा शर्मनाक है। 

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत एक करोड़, एक लाख किसानों को 2,000 रुपये की पहली किस्त जारी करके की। पीएम मोदी ने एक क्लिक में ही किसानों को 2,021 करोड़ रुपये की रकम जारी की। इसके अलावा बाकी बचे किसानों के खाते में भी पहली किस्त के कुछ सप्ताह में ही पहुंचने का भरोसा दिलाया। इस योजना से 12 करोड़ से अधिक किसानों को सालाना 6,000 रुपये की सालाना निर्धारित आय मिलेगी। यह रकम तीन किस्तों में किसानों को जारी की जाएगी।

पीएम मोदी ने इस योजना के फायदे गिनाते हुए कहा कि जब हमारे विरोधियों ने संसद में किसान सम्मान निधि के बारे में सुना तो उनके चेहरे लटक गए थे। महामिलावटी लोग परेशान हो गए और अब यही लोग अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने ऐसी अफवाह चलाई है कि मोदी ने अभी 2,000 रुपये दिए हैं, फिर देगा लेकिन एक साल बाद वापस ले लेगा। 

पीएम मोदी ने विपक्षी दलों की राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे किसानों की सूची नहीं सौंपते हैं तो फिर अन्नदाता के शाप से उनका विनाश हो जाएगा। पीएम मोदी ने कहा, 'मैं उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र की सरकारों का अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने इसे प्राथमिकता दी। ऐसी भी कई सरकारें हैं, जिनकी नींद अभी खुली नहीं है। मैं ऐसी राज्य सरकारों को चेतावनी देता हूं कि यदि आपने सूची नहीं पहुंचाई तो किसानों का शाप और बद्दुआएं आपको बर्बाद कर देंगी।' 

पीएम ने कहा, ये नया भारत है। इसमें केंद्र सरकार जितना पैसा किसान के लिए भेजती है, वो पूरा पैसा उसके खाते में पहुंचता है। अब वो दिन गए जब सरकार 100 पैसा भेजती थी, तो बीच में 85 पैसा दलाल और बिचौलिए खा जाते थे। इस योजना को भी फूल प्रूफ बनाया गया है ताकि किसान का अधिकार कोई छीन न सके।

कर्जमाफी को लेकर कई राज्यों की कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वे कर्जमाफी की रेवड़ी बांटकर आंख में धूल झोंकना चाहते हैं। लेकिन, उन्हें मोदी मिला है, महंगा पड़ जाएगा। उनकी पोल खोल कर के रख देगा। पीएम मोदी ने 2009 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से किसान कर्जमाफी का जिक्र करते हुए कहा कि बैंकों के हिसाब से देश में किसानों का कुल कर्ज 6 लाख करोड़ रुपया था। अब उन्होंने कर्जमाफी की घोषणा की तो यह माफ होना चाहिए था, लेकिन 2009 में चुनाव हुआ और कुर्सी से चिपक गए। रिमोट चालू हो गया। माफ हुआ था सिर्फ 52,000 करोड़। देश को अंधेरे में रखा गया। पीएम मोदी ने कहा कि तब लाभार्थियों में 35 लाख लोग तो ऐसे थे, जिनका किसानी से लेना-देना ही नहीं था। अपने लोगों को ही पैसे बांट दिए। हम जो योजना लाए हैं, उससे हर साल 75,000 करोड़ रुपया किसानों के खाते में जमा होगा। 10 साल में उन्होंने 52.000 करोड़ रुपये दिए थे, हम साढ़े सात लाख करोड़ रुपये देंगे। 

इससे पहले, पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदबरम ने योजना की आलोचना करते हुए इसे ‘वोट के लिए रिश्वत’ बताया। चिदंबरम ने ट्वीट किया है, ‘आज ‘वोट के लिए नकदी’ दिवस है। भाजपा सरकार वोट के लिए अधिकारिक रूप से प्रत्येक कृषक परिवार को 2,000 रुपये का रिश्वत देगी।’ उन्होंने लिखा है, ‘लोकतंत्र में ‘वोट के लिए रिश्वत’ से ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं है। सबसे शर्मनाक यह है कि निर्वाचन आयोग ‘वोट के लिए रिश्वत’ को रोकने में असफल नहीं है।’