नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का पार्टी के भीतर तिलिस्म खत्म हो गया है। जो नेता उनके वफादारों में शामिल थे, वह कई मुद्दों पर पार्टी से इतर राय रख रहे हैं। खासतौर से अनुच्छेद 370 खत्म के मुद्दे पर। जहां पार्टी अलग थलग पड़ चुकी है और वहीं पार्टी के भीतर भी दो गुट बन चुके हैं।

पार्टी में जो राहुल गांधी की टीम के सदस्य माने जाते हैं, वह इसके समर्थन में खड़े हैं जबकि राहुल गांधी अपना विरोध जता चुके हैं। राहुल गांधी के करीब आधा दर्जन से ज्यादा टीम सदस्य अपने नेता से अलग राय अनुच्छेद 370 पर रख चुके हैं। 

कांग्रेस में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर दो गुट बन चुके हैं। एक जो इसका विरोध कर रहा है और दूसरा जो इसके समर्थन में खड़ा। जबकि पार्टी अभी भी इसका विरोध कर रही है। इसके मायने साफ है कि नेता पार्टी लाइन से हटकर इसके पक्ष में खड़े हो रहे हैं।

राहुल गांधी भी अनुच्छेद 370 के विरोध में हैं। हालांकि उन्होंने संसद में कोई बयान नहीं दिया लेकिन ट्वीटर के जरिए उन्होंने अपने विचार सोशल मीडिया में रखे। हालांकि पार्टी में कर्ण सिंह, जनार्दन द्विवेदी समेत कई दिग्गज नेता भी हैं जो अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन कर रहे हैं।

गौरतलब है कि केन्द्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के साथ ही इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। हालांकि कांग्रेस ने राज्यसभा और लोकसभा में विरोध किया। लेकिन विरोध के साथ ही पार्टी के भीतर दो गुट बन गए हैं।

अगर वहीं देखें तो राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया है। जबकि हरियाणा के पूर्व सांसद और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेन्द्र हुड्डा के बेटे दीपेन्दर हुड्डा भी इसके समर्थन में हैं।

तो मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने भी इसे हटाने का समर्थन कर कांग्रेस को मुश्किलों में डाल दिया है। खासतौर से राहुल गांधी को, क्योंकि ये तीनों नेता राहुल गांधी की करीबी माने जाते हैं।

एक दिलचस्प बात ये है कि ये तीनों नेता लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। हालांकि कांग्रेस के भीतर अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन करने वाले नेताओं की सूची छोटी नहीं है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, दीपेंद्र हुड्डा, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, ज्योति मिर्धा, रणजीत रंजन और अदिति सिंह शामिल हैं। ये सभी किसी दौर में राहुल गांधी की टीम का हिस्सा थे। सिंधिया ने तो साफ तौर पर कहा कि ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं।