कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ईवीएम को लेकर फिर आक्रामक रूख अपनाने जा रहे हैं। राहुल सोमवार को चुनाव आयोग से मिलकर ईवीएम को लेकर अपना संदेह जताएंगे। राहुल गांधी सभी विपक्षी दलों के नेताओं से साथ चुनाव आयोग के सामने ईवीएम को लेकर विपक्षी दलों की नाराजगी चुनाव आयोग से समक्ष जाहिर करेंगे। राहुल की अगुवाई में आज कई विपक्षी दलों की बैठक हुई, जिसमें सोमवार को चुनाव आयोग के समक्ष अपनी शिकायत को दर्ज कराने का फैसला किया गया। 

कांग्रेस पार्टी और अन्य राजनैतिक दल चुनावों में ईवीएम के प्रयोग के खिलाफ कई बार अपना विरोध जता चुके हैं। लेकिन चुनाव आयोग ने हमेशा से ही विपक्षी दलों के दलीलों को खारिज करते हुए इस चुनावों के लिए सबसे बेहतर बताया है। हालांकि सच्चाई ये भी है कि ईवीएम के प्रयोग के साथ ही चुनावों में फर्जी मतदान अब न के बराबर हो गया है और चुनावी हिंसा भी कम हो गयी है। लेकिन कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि ईवीएम सुरक्षित नहीं है और विश्व के ज्यादातर देशों में मतपत्रों के जरिए ही मतदान किया जाता है। जबकि चुनाव आयोग के इसके लिए तर्क हैं कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों में चुनाव अन्य देशों की तुलना में आसान नहीं है।

लिहाजा ईवीएम सबसे सुरक्षित मशीन है और इसमें शिकायत की गुंजाइश कम है। लेकिन तीन राज्यों में चुनाव जीतने के बाद भी कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ सोमवार को चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात करेंगे। इसके लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए और गैर यूपीए(भाजपा और उसके सहयोगी दलों को छोड़) दलों के नेता चुनाव आयोग जाएंगे। राहुल ने कहा कि सोमवार को शाम 5:30 बजे विपक्षी दलों के नेता चुनाव आयोग जाएंगे। इस विषय पर आज राहुल गांधी की विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक हुई। इस बैठक में ईवीएम के साथ कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर साझा रणनीति बनाने की वकालत की गयी है।

ज्यादातर दलों का कहना है कि चुनाव आयोग को मत पत्र की पुरानी व्यवस्था की ओर लौटना चाहिए। आज हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया शरद पवार, तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) के एन चंद्रबाबू नायडू, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक की कनिमोई, भाकपा के डी राजा, माकपा के मोहम्मद सलीम एवं के टीके रंगराजन, राजद के मनोज झा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के अशोक कुमार सिंह, हम के जीतन राम मांझी और टीजेएस के प्रोफेसर कोडांदरम भी इस बैठक में पहुंचे। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और एके एंटनी भी इस बैठक में शामिल हुए। ताकि भविष्य के लिए रणनीति बनाकर भाजपा को ईवीएम के जरिए घेरा जा सके।