जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार राज्य में अपने विरोधियों और पार्टी के नाराज चल रहे नेताओं को और ज्यादा नाराज नहीं करना चाहते हैं। लिहाजा राज्य में कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा से मिलकर इन अटकलों को और ज्यादा तेज कर दिया है। माना जा रहा है कि गहलोत जल्द ही कैबिनेट विस्तार कर सकते हैं। राज्य में अभी भी सात मंत्रियों के पद खाली है और गहलोत कैबिनेट में 23 मंत्री हैं। जबकि राज्य सरकार 30 मंत्री बना सकता है।

असल में मध्य प्रदेश से सत्ता जाने के बाद कांग्रेस राजस्थान में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। लिहाजा वह नाराज नेताओं की नाराजगी को जल्द शांत करना चाहती है। हालांकि कुछ नेताओं ने पिछले महीने हुए राज्यसभा चुनाव में अपनी नाराजगी दिखाई थी। लिहाजा अब गहलोत विभिन्न गुटों के नाराज नेताओं को कैबिनेट में शामिल कर उनका नाराजगी दूर करना चाहती है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नाराज गुट ज्योतिरादित्य सिंधिया को कोई तवज्जो नहीं दी। जिसके बाद सिंधिया ने बगावत कर कमलनाथ सरकार को गिरा दिया था। लेकिन अब अशोक गहलोत इस तरह की गलती नहीं करना चाहते हैं।


फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजभवन जाकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत चली। हालांकि सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि ये औपचारिक मुलाकात थी। लेकिन गहलोत के राज्यपाल से मुलाकात के बाद कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं से सियायत गर्माई हुई है। वहीं सीएम गहलोत के मिलने के बाद निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल, ओमप्रकाश हुडला, संयम लोढ़ा, लक्ष्मण मीणा, महादेव खंडेला, बाबूलाल नागर, कांति मीणा और सुरेश टाक से भी राज्यपाल से मुलाकात की।

हालांकि कहा जा रहा है कि सीएम और राज्यपाल के बीच विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर चर्चा हुई है। लेकिन राज्य में चर्चा है कि सीएम ने संभावित कैबिनेट विस्तार के लिए अगले सप्ताह का समय मांगा है। ये भी कहा जा रहा कि एक दर्जन मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है और मौजूदा कैबिनेट से पांच से छह मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है।