रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य में खाली हो रही दो सीटों में एक सीट पर पार्टी के प्रमुख शिबू सोरेन यानी गुरुजी को उतारेगी।  राज्य में राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं। हालांकि एक सीट पर कांग्रेस की नजर है। राज्य में राज्यसभा के लिए 26 मार्च को मतदान होगा और नामांकन प्रक्रिया 6 मार्च से शुरू होगी।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन का राज्यसभा में पहुंचना तय है। क्योंकि राज्य में जेएमएम और कांग्रेस मिलकर सरकार चला रहे है। जेएमएम के पास 30 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 16 विधायक हैं।  राज्य में राज्यसभा के लिए 28 विधायकों की जरूरत है। इस आधार पर शिबू सोरेन का राज्यसभा में पहुंचना तय है। वहीं दूसरी सीट के लिए कांग्रेस दावा कर रही है। हालांकि इसके लिए विधायकों को जुटाना मुश्किल होगा।

सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगियों, झामुमो और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से राज्यसभा चुनाव के लिए शिबू सोरेन के नाम का ऐलान किया है। उधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि "गुरुजी (शिबू सोरेन)  राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे। लेकिन दूसरी सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा कुछ दिनों में की जाएगी। हालांकि इस सीट पर कांग्रेस भी दावा कर रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस सीट की दावेदारी कर रही है और इस सीट से किसी अल्पसंख्यक को राज्यसभा भेजना चाहती है। 

पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन ने दुमका सीट से किस्मत आजमाई थी। लेकिन वह चुनाव हार गए थे।  झारखंड में एक उम्मीदवार को कम से कम 28 वोट चाहिए। जबकि राज्य विधानसभा में झामुमो के 30, विधायक कांग्रेस के 16 और राजद का एक विधायक है। जबकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पास 26 विधायक हैं। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले दिनों बाबूलाल मरांडी अगुवाई वाले झारखंड विकास मोर्चा के भाजपा में विलय को मान्यता नहीं दी है। अगर विधानसभा अध्यक्ष इस मान्यता देते हैं तो राज्य में भाजपा के विधायकों की संख्या 27 हो जाएगी। जिसके चलते भाजपा दूसरी सीट पर दावा कर सकती है। हालांकि अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता के पद पर मरांडी नियुक्त नहीं किया है।