अयोध्या/नई दिल्ली- लोकसभा चुनावों से पहले राम मंदिन निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है बावजूद इसके कि अयोध्या में जमीन विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। मामले पर सुनवाई जनवरी में शुरु होगी, जल्दी सुनवाई की हिंदू महासभा की अपील भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। 

अयोध्या में जमीन विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। दूसरी तरफ देश में आम चुनावों से पहले राम मंदिर निर्माण की चर्चा चरम पर है। हालांकि मंदिर निर्माण को लेकर अभी बहुत सारी बातें स्पष्ट नहीं है लेकिन यहां प्रतिष्ठित की जाने वाली मूर्तियां तैयार हैं। 

अयोध्या में 25 नवंबर को विराट धर्मसभा के आयोजन से पहले धर्मसभा के लिए परिक्रमा मार्ग स्थित बड़ा भक्तमाल मंदिर की बगिया में भूमि पूजन के बाद विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि "अयोध्या में राममंदिर न बनने से हिंदू समुदाय आक्रोशित है और इसी आक्रोश के परिणामस्वरूप अयोध्या में 25 नवंबर को विराट धर्मसभा आयोजित की जा रही है।"

मंदिर निर्माण के लिए 1990 से चलाई जा रही कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा ने कहा कि पत्थरों की नक्काशी का 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और इसका मतलब यह हुआ कि पहली मंजिल पूरी हो गई है।

अन्नू भाई सोमपुरा के मुताबिक बनने वाला मंदिर 268 फुट लंबा, 140 फुट चौड़ा और 128 फुट ऊंचा होगा। उन्होंने कहा, सभी तलों पर 106 खंभे होंगे और हर खंभे पर 16 मूर्तियां होंगी।

उन्होंने कहा कि "कारीगरों ने इन पर नक्काशी का काम पूरा कर लिया है। मंदिर का पूर्व निर्माण का काम इस समय श्रद्धालुओं के दान से चल रहा है।"

अहम बात यह कि,  कारसेवकमपुरम की कार्यशाला में एक शीशे के बॉक्स में 'प्रस्तावित राम मंदिर' का लकड़ी का मॉडल भी रखा हुआ है।