काबुल। अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता टूटने के बाद अफगानिस्तान में उसका असर दिखना शुरू हो गया है। अफगानिस्तान में मौजूद आंतकी संगठन ने राजधानी काबूल में स्थित अमेरिकी दूतावास के पास आतंकवादियों ने रॉकेट से हमला किया। हालांकि तालिबान पहले ही धमका दे चुका है कि वह अफगानिस्तान में अमेरिकियों को निशाना बनाएगा।

आज अमेरिका में 26/11 को हुए आतंकी हमलों की 18वीं बरसी है। लिहाजा माना जा रहा है कि इसलिए तालिबान ने अमेरिकी दूतावास पर हमले की कोशिश की। हालांकि इसमें किसी जान माल का नुकसान नहीं हुआ। दूतावास के अफसरों का मानना है कि ये हमला एक तरह से धमकी या डराने के तौर पर किया गया है। अमेरिकी दूतावास के पास इस राकेट के हमले के बाद आसमान पर धुएं का गुबार देखा गया। इस हमले के बाद सायरन बजने लगे और लोगों को अलर्ट कर दिया गया।

पिछले हफ्ते ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका-तालिबान शांति वार्ता को अचानक से बंद तक दिया था और मंगलवार को इसके लिए उन्होंने ऐलान भी कर दिया है। अमेरिका में एक बम विस्फोट में एक अमेरिकी सैनिक समेत 11 लोगों की मौत के बाद ये फैसला किया। इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी। जिसके बाद अमेरिकी सरकार ने ये फैसला लिया। पिछले सप्ताह दो कार बम धमाकों से काबुल थर्रा उठा था। इसमें कई नागरिक मारे गए थे।