मंत्रालयम, आंध्र प्रदेश- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक आज सुबह तुंगभद्रा नदी के किनारे राघवेंद्र मठ, मंत्रालयम (आंध्र प्रदेश) में शुरु हुई। यह बैठक 2 सितंबर तक चलेगी. इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य और समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में कार्यरत संगठनों (सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक, शिक्षा, सेवा) के अखिल भारतीय पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।

इसमें बैठक में वर्तमान सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक परिदृश्य,  कृषि, पर्यावरण, जल संरक्षण सहित अन्य समसामायिक विषयों पर चर्चा होगी और बैठक में भाग ले रहे लगभग 200 कार्यकर्ता अपने अनुभव, विचार और उपलब्धि साझा करेंगे।

इस बैठक पर पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार जी ने कहा कि यह निर्णय करने वाली बैठक नहीं है. प्रतिवर्ष दो बार सितंबर व जनवरी में यह बैठक होती है। यह परंपरा पिछले अनेक वर्षों से चल रही है। हर संगठन अपने निर्णय अपनी रचना व पद्धति के अनुसार स्वयं करता है।

जैसे संघ में निर्णय लेने के लिए वर्ष में दो बार अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा व अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक होती है। उन्होंने कहा कि समाजिक जीवन के बहुत से क्षेत्रों में बहुत लोग काम करते हैं, वहां अनेक अग्रणी लोगों से मिलना भी होता है और वे अपने संगठन में प्रयोग भी करते हैं। उन सभी के अनुभवों को साझा करने के लिए यह समन्वय बैठक रहती है। उन्होंने कहा कि हम किसी को विरोधी नहीं मानते, संघ सारे समाज को संगठित करने का काम करता है।

बैठक की शुरुआत स्वामी सुबूदेन्द्र तीर्थ जी के संबोधन से हुई। जिन्होंने कहा कि भारत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ देश है। हम सब के प्रयत्नों से हिन्दू समाज का जागरण और हिन्दू धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा शीघ्रातिशीघ्र होगी।