असल में डाक्टरों का कहना है कि खराब मौसम के कारण सैनिक को चॉपर की मदद से कहीं नहीं ले जाया जा सकता था और इसके लिए उन्होंने उसके पास जाकर इलाज करने का फैसला किया। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि ठंड के दौरान पूर्वी लद्दाख का पारा -20 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है।
नई दिल्ली। देश के चिकित्सकों ने एक नया मुकाम बनाया है और इसके लिए उन्हें देशवासी सलाम कर रहे हैं। क्योंकि देश के तीन डाक्टरों ने 16 हजार फीट की ऊंचाई पर सेना के एक जवान का इलाज कर इतिहास रचा है। इस जवान का डॉक्टर्स ने पूर्वी लद्दाख के फॉरवर्ड सर्जिकल सेंटर सफल ऑपरेशन कर अपेंडिक्स निकाला। खास बात ये है कि मौसम खराब होने के कारण सैनिक को चॉपर की मदद से निकाला नहीं जा सकता था। इसके लिए इन तीन डाक्टरों ने इतनी ऊंचाई पर पहुंचकर सर्जरी की।
असल में डाक्टरों का कहना है कि खराब मौसम के कारण सैनिक को चॉपर की मदद से कहीं नहीं ले जाया जा सकता था और इसके लिए उन्होंने उसके पास जाकर इलाज करने का फैसला किया। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि ठंड के दौरान पूर्वी लद्दाख का पारा -20 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है। वहीं देश के काबिल और बहादुर डॉक्टर्स ने पूर्वी लद्दाख के फॉरवर्ड सर्जिकल सेंटर पर जाकर वहां पर तैनात सैनिक का सफल ऑपरेशन किया है। इस जवान को अपेंडिक्स की परेशानी थी और डाक्टरों ने 16 हजार की फीट पर जाकर सैनिक सफल ऑपरेशन किया। वहीं हालत ये थे कि सैनिक को चॉपर की मदद से नहीं निकाला जा सकता था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फील्ड अस्पताल के डाक्टरों की एक सर्जिकल टीम ने 16 हजार फीट की ऊंचाई पर फॉरवर्ड सर्जिकल सेंटर में तैनात सैनिक का इलाज किया। ये सैनिक अपेंडिक्स की समस्या से जूझ रहा था। विभिन्न परिस्थितियों के बावजूद डॉक्टर्स ने सफल सर्जरी की और फिलहाल सैनिक की हालत स्थिर है। जवान की सर्जरी करने वाली डाक्टर्स की टीम में एक लेफ्टिनेंट कर्नल, एक मेजर और एक कैप्टन शामिल थे। असल में इस कार्य के लिए डाक्टरों को सलाम किया जा रहा है कि सर्दियों का मौसम दस्तक दे चुका है और मौसम खराब होता जा रहा है। ऐसे में जवान का ऑपरेशन करना आसान नहीं था। वहीं पूर्वी लद्दाख में सर्दियों के मौसम में पारा माइनस 20 डिग्री सेल्सियस है जबकि सियाचिन में माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक तापमान कम हो जाता है।
Last Updated Nov 2, 2020, 5:59 PM IST