भारतीय जनता पार्टी में टिकट कटने से नाराज नेताओं की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। पहले कानपुर से सांसद मुरली मनोहर जोशी ने चिट्ठी लिखी तो पार्टी बैकफुट पर आ गयी। फिर उसके बाद लालकृष्ण आडवाणी का ब्लॉग और लोकसभा अध्यक्ष की चिट्ठी ने तो पार्टी के भीतर भूचाल ला दिया। लेकिन अब बीजेपी के भीतर हिमाचल प्रदेश से दिग्गज नेता शांता कुमार ने भी पार्टी से अपनी नाराजगी जताई है।

हिमाचल के मुख्यमंत्री रह चुके शांता कुमार ने कहा कि कार्यकर्ता के रूप में मुझे 75 साल से ज्यादा के नेताओं को टिकट नहीं देने का फैसला मंजूर है। शांता कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि ये फैसला एक लेखक के तौर पर मंजूर नहीं है। यही नहीं शांता कुमार ने लिखा है कि मैं खुद को पहले लेखक और बाद में कार्यकर्ता मानता हूं। उन्होंने कहा कि  जोश और यौवन को उम्र से नहीं आंका जा सकता। बहुत सारे उदाहरण हैं, जिसमें आप उम्र को एक बाधा नहीं मान सकते हैं।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमार ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान बहुत से युवा ऐसे थे, जिनमें लड़ने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन बड़ी उम्र के हजारों लोग अंग्रेजों से भिड़ गए थे। शांता कुमार को हिमाचल प्रदेश में बीजेपी का दिग्गज नेता माना जाता है। वह खासतौर ने नीति बनाने में माहिर माने जाते हैं। लेकिन उनकी नाराजगी से पार्टी सकते में है। शांता कुमार से भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी भी पार्टी द्वारा 75 की उम्र पार कर चुके नेताओं को टिकट न दिए जाने को लेकर नाराजगी जता चुके हैं।

वहीं इंदौर से सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी पार्टी से नाराज होकर चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि ये पहले ही कहा जा रहा था कि वह चुनाव नहीं लड़ेगी। लेकिन पार्टी ने उनके नाम की घोषणा अभी तक नहीं की है। जिसके कारण उन्होंने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताई और पार्टी हाईकमान को चिट्ठी लिखी।