लोकसभा चुनाव 2019 के लिए हुए सात चरणों में मतदान के बाद वोटों की गिनती से पहले आए सभी एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की वापसी के साफ संकेत मिले हैं। इन एग्जिट पोल नतीजों के बाद जहां गुरुवार 23 मई को वोटों की गिनती की जाएगी वहीं इस सप्ताह  देश के शेयर बाजार की दिशा भी निर्धारित होगी। 

आम चुनावों के नतीजे गुरुवार को आएंगे और शेयर बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि जहां बीते कुछ दिन एक्जिट पोल के संभावित अनुमान के चलते बाजार में तेजी देखने को मिली वहीं इस कारोबारी हफ्ते में चुनाव के नतीजे शेयर बाजार की चाल को तय करेंगे।

जहां रविवार को सातवें चरण की वोटिंग के बाद जारी अधिकतर एक्जिट पोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नया कार्यकाल मिलता दिख रहा है, वहीं हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को सेंसेक्स ने तेज उछाल के साथ लगभग 1 हजार अंकों की बढ़त पर कारोबार की शुरुआत की। बीएसई आंकड़ों के मुताबिक सेंसेक्स ने सुबह 770 अंकों की तेज उछाल ली और पहले कुछ मिनटों के कारोबार में 38,900 के स्तर को लगभग छू लिया। दिन के आधे कारोबार के दौरान प्रमुख  इंडेक्स मजबूती के साथ 39,000 के स्तर के ऊपर कारोबार करता देखा गया।

खासबात है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के बाद शेयर बाजार के इस प्रमुख इंडेक्स पर 24 अप्रैल से लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी. जहां 24 अप्रैल के सेंसेक्स 39,000 के स्तर के ऊपर कारोबार करता देखा गया वहीं 12 मई के छठवें चरण  की वोटिंग तक सेंसेक्स 2000 अंकों की गिरावट के साथ 37,000 के स्तरप पर पहुंच गया। हालांकि सेंसेक्स ने एक  बार फिर सातवें चरण की वोटिंग से पहले उछाल भरना शुरू किया और अब सातवें चरण की वोटिंग के बाद अनुमान है कि बाजार चुनाव के अंतिम नतीजों पर अपनी दिशा तय करेगा।

बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 467.78 अंक या 1.24 प्रतिशत चढ़ा। वहीं बीते कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 537.29 अंक या 1.44 फीसदी की बढ़त के साथ 37,930.77 अंक पर पहुंच गया था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स निफ्टी भी 150.05 अंक या 1.33 फीसदी की बढ़त के साथ 11,407.15 अंक पर जाकर बंद हुआ।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) एवं शेयर बाजारों ने चुनावी गतिविधियों को देखते हुए बाजार में किसी भी तरह के हेरफेर को रोकने के लिए अपने निगरानी तंत्र को तैयार रखा है। 

रिटेल रिसर्च के प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, 'अधिकतर एक्जिट पोल में राजग अच्छे अंतर से लोकसभा चुनाव जीतते हुए दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों में बाजार पर इसका आंशिक असर देखने को भी मिला है। अगर भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब रहती है तो बाजार पर इसके अधिक सकारात्मक असर देखने को मिलेंगे।' 

उन्होंने कहा, 'हालांकि इस बात को देखें कि पिछले दो चुनावों में एक्जिट पोल के आंकड़े वास्तविक आंकड़े के बहुत करीब नहीं रहें तो कहा जा सकता है कि बाजार में उत्साह रहेगा लेकिन बहुत अधिक उत्साह नहीं रहेगा।' 

एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा, ‘‘इस सप्ताह एक ऐसा घटनाक्रम है जो दीर्घावधि के लिए बाजार का रुख तय करेगा। इसी से संपत्ति सृजन का रुख तय होगा। चुनाव नतीजे इस तरह के राजनीतिक घटनाक्रम होते हैं जो वर्षों के लिए रुख तय करते हैं। ऐसे में यह अर्थव्यवस्था और निवेशकों की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।’’ 

उन्होंने कहा कि बाजार में कुछ अधिक उतार-चढ़ाव रह सकता है लेकिन एक्जिट पोल से बाजार को निर्णय करने में कुछ आसानी हो सकती है।

सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा, ‘‘ यह सप्ताह पूरे साल का सबसे महत्वपूर्ण है। लोगों की निगाह ‘स्टॉक कोट’ नहीं ‘वोट कोट’ पर रहेगी। 

सप्ताह के दौरान कुछ बड़ी कंपनियों मसलन टाटा मोटर्स, केनरा बैंक और सिप्ला के नतीजे आने हैं। ऐसे में तिमाही नतीजे भी बाजार की दिशा तय करेंगे। 

इसके अलावा कच्चे तेल के दाम, अमेरिका-चीन व्यापार विवाद, रुपये का उतार-चढ़ाव तथा विदेशी कोषों का रुख भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा।