मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति से भाजपा को बाहर करने के लिए शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने प्लान तैयार किया है। हालांकि ये प्लान कब तक सफल होगा। ये कहा नहीं जा सकता है। लेकिन राज्य की सत्ता से भाजपा को पूरी तरह से बेदखल करने के लिए तीनों दलों ने प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत ये तीनों दल नवी मुंबई में होने वाले महानगरपालिका का चुनाव मिलकर लड़ेंगे। वहीं राज्य की खाली हो रही राज्यसभा के लिए तीन दलों एक दूसरे का साथ देंगे।

महाराष्ट्र में अभी तक भाजपा को तीन दल सत्ता से बाहर रखने में सफल रहे हैं। हालांकि एनसीपी और कांग्रेस पहले ही कह चुकी हैं कि मुस्लिम और अल्पसंख्यकों के कहने के पर उन्होंने शिवसेना का साथ सरकार बनाई। लेकिन यही दावे शिवसेना के लिए मुश्किलें खड़ा कर रहे हैं। क्योंकि खांटी हिंदुत्व की राजनीति करने वाले शिवसेना के कार्यकर्ता और नेता इस बात को मानने को तैयार नहीं है। फिलहाल अब तीनों दलों ने फैसला किया है कि वह भाजपा के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

लिहाजा इसकी शुरूआत तीनों दल अब नवी मुंबई महानगरपालिका से शुरू करने जा रहे हैं। जहां पर इस साल अप्रैल में चुनाव होने वाले हैं। हालांकि राज्य में तीनों दलों ने विधानसभा चुनाव मिलकर नहीं लड़े। लेकिन पहली बार तीन दल भाजपा को पटखनी देने के लिए चुनाव लड़ेंगे। नबी मुंबई  महानगरपालिका में 111 सीटें हैं। जिस पर अभी भाजपा का कब्जा है। लेकिन इन बार ये तीन दल भाजपा का यहां पर सूपड़ा साफ करने की योजना बना रहे हैं। असल में यहां पर एनसीपी भी भाजपा से बदला लेना चाहती है।

क्योंकि 2015 में हुए चुनाव में यहां पर एनसीपी का कब्जा था। चुनाव के बाद यहां पर एनसीपी ने 54, शिवसेना ने 16, कांग्रेस ने 13 सीटें जीती थी जबकि भाजपा को 2 सीटें मिली थी। लेकिन यहां पर भाजपा ने एनसीपी के दिग्गज नेता गणेश नाईक को अपने पाले में कर लिया और उसके एनसीपी छोड़ने के साथ ही  एनसीपी के 52 पार्षद भी भाजपा में आ गए और भाजपा के 54 सदस्य हो गए। वहीं तीनों दल राज्यसभा चुनाव के लिए अभी से रणनीति बनाने में लगी हुई हैं। क्योंकि अप्रैल में राज्यसभा की सात सीटें महाराष्ट्र से खाली हो रही हैं। जिसमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी सीट है।