नई दिल्ली। नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक के लिए सरकार ने सभी जरूरी कदम उठा लिए हैं। लेकिन अब यस बैंक के प्रबंधन को लेकर कई तरह के उठ रहे हैं। क्योंकि यस बैंक ने ऐसे कई कंपनियों को लोन दिया था। जो पहले ही खस्ताहात थी और कर्ज के जाल में फंसी थी। उसके बाद प्रबंधन ने उन कंपनियों को कर्ज दिया। जो उस भी सवालों के घेरे में था और अब भी सवालों के घेरे में है। फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार की रात को यस बैंक के संस्थापक राणी के आवास पर छापा मारा और जरूरी दस्तावेजों को अपने हाथ में लिया।

फिलहाल ईडी के छापों के बाद यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ नोटिस जारी  किया गया है। ईडी ने ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई हैं। ईडी ने राणा कपूर से पूछतााछ भी की है। वहीं राणा कपूर पर आरोप है उन्होंने कई कंपनियों को लोन दिया जो पहले ही कर्ज को लेकर विवादों में थे और उन्होंने पहले से कर्ज लिया था। उसके बावजूद  बैंक ने उन कंपनियों को लोन दिया। जो अब जांच के घेरे में है। ईडी ने इसी सिलसिले में उनसे पूछताछ की है।

क्योंकि ईडी के पास सबूत हैं कि राणा कपूर ने एक ऐसी कंपनी को लोन  दिया और इसके बदले उनकी पत्नी के बैंक एकाउंट में रिश्वत दी गई। राणा कपूर के खिलाफ दर्ज मामले का संबंध डीएचएफएल को लेकर है। पहले डीएचएफएल ने बैंक से कर्ज लिया और बाद में उसे एनपीए करार कर दिया गया। इस मामले में राणा कपूर की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। इसके साथ ही राणा कपूर ने एडीएजी और एस्सेल ग्रुप को भी कर्ज दिया। जबकि जो दोनों कंपनियां पहले के लोन से कर्ज के जाल में फंसी हुई थी।

प्रशांत कुमार बने प्रशासक

आरबीआई ने प्रशांत कुमार  को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया है और उन्होंने प्रशासक का पदभार भी संभाल लिया है।  अब प्रशासक का काम बैंक को पटरी पर लाना है। इससे पहले आरबीआई ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था।

भगवान जगन्नाथ के भी फंसे हैं 545 करोड़

यस बैंक में आम आदमी के ही नहीं बल्कि भगवान जगन्नाथ के भी पैसे फंस गए हैं। इससे मंदिर प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि यस बैंक पर लगाई पाबंदी लगने के बाद ये इसकी निकासी नहीं हो सकती है।