नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बड़ा झटका दिया है। सोनिया ने एनआरसी और सीएए पर विपक्षी दलों की बैठक से दूर रहने का फैसला किया है। हालांकि अभी तक ये तय नहीं हो सका कि ममता की अगुवाई में होने वाली बैठक में कितने दलों ने अपनी रजामंदी दी है। फिलहाल ममता बनर्जी के लिए ये एक बड़ा झटका है। 

असल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी 13 जनवरी को एनआरसी और सीएए को लेकर विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी और इस बैठक में सभी दलों को आमंत्रित किया था। असल में ममता एनआरसी और सीएए के जरिए खुद को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की रणनीति के तहत विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटी हैं। लेकिन अभी तक ममता बनर्जी को ज्यादातर दलों का समर्थन नहीं मिला है। वहीं अब कांग्रेस ने इस बैठक को लेकर ममता बनर्जी को बड़ा झटका दिया है।

सोनिया गांधी ने इस बैठक से दूरी बनाकर रखने का फैसला किया है। कांग्रेस भी एनआरसी और सीएए को लेकर आक्रामक है और अगर वह ममता बनर्जी को राष्ट्रीय स्तर पर इसका विरोध करने में मदद करती है तो पूरे परिदृश्य में टीएमसी प्रमुख आ जाएंगी। लिहाजा कांग्रेस ने इस बैठक से दूरी बनाने की रणनीति अपनाई है। हालांकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को टीएमसी के खिलाफ ही चुनाव लड़ना है। लिहाजा कांग्रेस इस तरह का कोई भी जोखिम नहीं लेने चाहती। जिससे उसे नुकसान पहुंचे और कार्यकर्ताओं में नकारात्मक संदेश जाए।

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने वाम दलों के साथ चुनावी गठजोड़ किया है। जिसके कारण ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। हालांकि ममता बनर्जी ने राज्य में भाजा के खिलाफ लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों से एकजुट होकर लड़ने को कहा था। लेकिन कांग्रेस और वाम दलों ने टीएमसी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उधर कर्मचारी संगठनों की हड़ताल में पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर ममता बनर्जी काफी नाराज है।