आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सपा और बसपा के बीच गठबंधन बन जाने के बाद भी सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं हो पायी है। हालांकि दोनों दलों के बीच ये तो तय हो गया है कि वह 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा ये तय नहीं हुई है। अब सपा के भीतर पहले सीटों का बंटवारा परिवार के लोगों के बीच किया जाएगा। ताकि पारिवारिक सीटों पर फिर से कब्जा बरकरार रहे।
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सपा और बसपा के बीच गठबंधन बन जाने के बाद भी सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं हो पायी है। हालांकि दोनों दलों के बीच ये तो तय हो गया है कि वह 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा ये तय नहीं हुई है। अब सपा के भीतर पहले सीटों का बंटवारा परिवार के लोगों के बीच किया जाएगा। ताकि पारिवारिक सीटों पर फिर से कब्जा बरकरार रहे।
सपा और बसपा के बीच बने गठबंधन ने कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली में प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया है। जबकि तीन सीटें राष्ट्रीय लोकदल को दी जाएगी। लेकिन अभी भी गठबंधन के बीच असल दिक्कत सीटों के बंटवारे को लेकर है। आखिर कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा। इसका फैसला अभी तक नहीं हो पाया है। जिसके कारण स्थानीय स्तर पर नेताओं के बीच बैचेनी बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि सपा अपनी पारंपरिक सीटों को अपने पास रखना चाहता है और इस स्थिति में इन सीटों की घोषणा पहले की जाएगी। सपा में मुलायम सिंह के मैनपुरी से लोस चुनाव लड़ने की इच्छा जताई जा चुकी है जबकि फिरोजाबाद से अक्षय यादव चुनाव लड़ने की तैयारी में थे।
लेकिन अब यहां पर प्रसपा की तरफ से सपा के बागी नेता शिवपाल सिंह ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यहां पर यादव वोट काफी निर्णायक है और शिवपाल की यहां अच्छी पकड़ मानी जाती है। लिहाजा अक्षय के सीट बदलने पर विचार किया जा रहा है। सपा अध्यक्ष अपनी पत्नी को फिर से कन्नौज से चुनाव लड़ाने के पक्ष में हैं और वह खुद आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। सपा अध्यक्ष पहले ऐलान कर चुके हैं कि डिंपल चुनाव नहीं लड़ेगी। लेकिन राज्य में बदलती हुई परिस्थिति को देखते हुए वह कन्नौज सीट पर किसी अन्य को टिकट देने के पक्ष में नहीं हैं। वहीं अभी तक मैनपुरी से सांसद तेज प्रताप सिंह तेजू के जौनपुर से लड़ने की चर्चा चल रही है।
सपा के सूत्रों का कहना है कि पहले यादव परिवार घर की सीटों को सुरक्षित रखना चाहता है और उसके बाद ही अन्य प्रत्याशियों के टिकट तय किए जाएंगे। वहीं बसपा में भी सीटों को लेकर आम राय नहीं बन पायी है। पिछले लोकसभा चुनाव में सपा ने पांच सीटें जीती थीं और जीतने वाले सभी यादव परिवार के सदस्य थे। इनमें मुलायम सिंह यादव -आजमगढ़, डिम्पल यादव -कन्नौज, धर्मेन्द्र यादव -बदायूं, अक्षय यादव -फिरोजाबाद और तेज प्रताप सिंह यादव ने मैनपुरी सीट जीती थी। मैनपुरी में उपचुनाव हुआ था और ये सीट पहले मुलायम सिंह ने जीती थी। हालांकि बाद में राज्य में हुए उपचुनाव में सपा दो और सीटे जीतने में कामयाब रही।
मुलायम सिंह के मैनपुरी से चुनाव लड़ने की ऐलान के बाद सपा नेतृत्व ने तेज प्रताप सिंह के लिए दूसरी यादव बहुल लोस सीट जौनपुर तलाशी है। यहां से पूर्वमंत्री पारस यादव और दूसरे अन्य नेता दावेदारी कर रहे हैं। बदायूं से धर्मेन्द्र यादव का टिकट पक्का है और वह काफी अरसे से तैयारी कर रहे हैं। अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो 38 सीटों में से कम से कम 8 सीटें यादव परिवार के हिस्से में ही जाएंगी।
Last Updated Feb 3, 2019, 1:22 PM IST