ईस्टर के दिन हुए 8 सिलसिलेवार धमाकों ने श्रीलंका को दहलाकर रख दिया है। तीन चर्चों,  4 होटलों समेत आठ जगह हुए धमाकों में 185 लोग मारे गए हैं।  स्थिति की गंभीरता को देखते हुए श्रीलंका सरकार ने तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगा दिया है। सोशल मीडिया पर भी अस्थायी तौर पर बैन लगाया गया है। अभी तक किसी संगठन ने इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। इन हमलों में मरने वाले लोगों में 35 विदेशी नागरिक शामिल हैं। कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल के सूत्रों ने बताया कि मारे गए विदेशी नागरिकों में अमेरिकन, ब्रिटिश और डच नागरिकों की संख्या ज्यादा है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वायुसेना को भी लगाया जा रहा है।

श्रीलंका के रक्षा मंत्री ने धमाकों के बाद कर्फ्यू का ऐलान किया है। 22-23 अप्रैल को स्कूल-कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में छुट्टी का ऐलान किया गया है। श्रीलंका के सुरक्षा बलों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई हैं।  अगले आदेश तक सभी बड़ी सोशल मीडिया और एसएमएस सेवाएं भी रोक दी गई हैं।

भारत समेत दुनिया भर के कई देशों ने इस हमले की निंदा की है। श्री लंका की सरकार ने अगले आदेश तक सभी बड़ी सोशल मीडिया और मेसेजिंग सर्विस को बंद कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'श्रीलंका में हुए भीषण धमाकों की कठोरता से निंदा करता हूं। हमारे क्षेत्र में ऐसी बर्बरता के लिए कोई जगह नहीं है। भारत दुख की इस घड़ी में मजबूती से श्री लंका के लोगों के साथ खड़ा है। हमले में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं और घायलों के साथ प्रार्थना।' पीएम मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से भी बात की है। 

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कोलंबो के सेंट एंथनी, पश्चिमी तटीय शहर नेगेम्बो के सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोवा के एक चर्च में धमाके हुए। इसके बाद तीन पांच सितारा होटलों - शंगरीला, द सिनामोन ग्रांड और द किंग्सबरी में विस्फोट हुए। सातवां बम धमाका कोलंबो के पास देहीवाला शहर के एक होटल में हुआ। वहीं आठवां राजधानी कोलंबो में हुआ जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई।

धमाकों के बाद से राजधानी कोलंबो में अफरातफरी मची हुई है। राजधानी की सड़कों पर लोगों को  बदहवासी में इधर-उधर दौड़ते भागते देखा जा रहा है।