नई दिल्ली: माय नेशन ने सबसे पहले इस बात का खुलासा किया था कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस एयरपोर्ट पर एक महिला रुजिरा बनर्जी और उनकी साथी मेनका गंभीर के पास से दो किलो सोना जब्त किया गया।   

पूरी खबर यहां पढ़ें- कोलकाता एयरपोर्ट पर ममता बनर्जी की बहू से दो किलो सोना जब्त

माय नेशन ने इस मामले की सभी बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया था। कि कैसे कस्टम विभाग ने इस मामले में न केवल पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, बल्कि इस मामले में आगे जांच बढ़ाने की बात भी कही थी। 

बाद में कस्टम विभाग ने इस मामले में कोलकाता पुलिस के पास एक एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें ममता के भतीजे और बहू का नाम था। इस शिकायत मे यह कहा गया था कि रुजिरा और मेनका ने न केवल अपने बैगेज को कस्टम अधिकारियों द्वारा चेक कराने से इनकार किया था बल्कि उन्हें अभद्र भाषा में अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी। 

कस्टम विभाग ने स्थानीय पुलिस पर भी यह आरोप लगाया था कि उन्होंने न केवल मामले में दखलअंदाजू की बल्कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद का पक्ष भी लिया। अभिषेक बनर्जी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद पार्टी में दूसरे नंबर की हैसियत रखते हैं। 

माय नेशन की इस रिपोर्ट पर चुनाव आयोग ने भी संज्ञान लिया और पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की थी। 
 
अदालत ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि इस मामले में अलग से एक याचिका दाखिल करें। अदालत ने यह आदेश शारदा चिटफंड मामले की सुनवाई के दौरान दिया। जिसमें सेल्युलर कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन द्वारा कॉल रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराए जाने पर बहस चल रही थी। 

इस मामले कोलकाता पुलिस के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार का भी नाम उछला था, जिनपर आरोप है कि उन्होंने इस चिटफंड मामले की जांच को दबाने की कोशिश की। 

इस मामले के बहस के दौरान तुषार मेहता ने अदालत को पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती हालात की जानकारी दी। इस दौरान कोलकाता एयरपोर्ट पर ममता बनर्जी की बहू से जब्त हुए दो किलो सोने का जिक्र हुआ। मेहता ने अदालत को यह भी बताया कि कैसे कोलकाता पुलिस ने मामले में अनुचित रुप से दखलअंदाजी की और कस्टम अधिकारियों पर दबाव बनाकर रुजिरा बनर्जी को छुड़वा लिया। 

जिसका जवाब देते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस मामले में अलग से याचिका दाखिल करने का आदेश दिया।