पश्चिम बंगाल में भाजपा की रथ यात्रा निकालने पर फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत नहीं दी है। कोर्ट ने अपने फैसले बीजेपी से कहा रथयात्रा के लिए नया शिड्यूल राज्य को दे और और राज्य उसपर यह संविधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखकर उस पर राज्य सरकार विचार करे। ताकि इनका मौलिक अधिकार प्रभावित न हो।

 मामले की सुनवाई के दौरान बीजेपी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि पहले 39 सभाएं होनी थी लेकिन लेकिन उसे घटा कर 20 कर दिया गया है। इसमें असम सहित दो राज्यो के मुख्यमंत्री भाग ले रहे है। राज्य सरकार का यह आरोप की रथ यात्रा से वहां का सौहार्द बिगड़ेगा यह गलत है। 

वहीं राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि अब तक सभा मे कितने लोग आएंगे और सभा कहाँ होगी, बीजेपी ने अब तक नहीं बताया है। राज्य सरकार ने यह भी कहा 'हमें सभा को लेकर आपत्ति नहीं है, रथयात्रा को लेकर आपत्ति है. क्योंकि बीजेपी  की यह यात्रा संवेदनशील इलाकों से गुज़रेगी। 

इससे पहले कलकत्ता हाइकोर्ट की खंडपीठ ने पिछले साल दिसंबर में इस यात्रा पर रोक लगा दिया था। जिसको भाजपा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। 
भाजपा द्वारा पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित रथ यात्रा को कलकत्ता हाईकोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद ममता सरकार, हाइकोर्ट के डिवीजन बेंच के पास पहुची थी। 

ममता सरकार ने राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने के आरोप लगाते हुए यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। और इस फैसले को चुनौती देते हुए तुरंत सुनवाई की मांग की थी। जिसपर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश देवाशीष करगुप्ता और न्यायमूर्ति शम्पा सरकार की खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाते हुए दोबारा मामले को एकल पीठ के पास भेज दिया था। 

पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि इस पर विचार करते वक्त एकल पीठ राज्य सरकार की ओर से दी गई खुफिया जानकारी को ध्यान में रखे। राज्य सरकार रथ यात्रा की वजह से प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न होने की आशंका को देखते हुए इसका विरोध कर रही है। 

ममता बनर्जी ने 28 दिसंबर को बीजेपी पर जमकर हमला बोला था। ममता ने बीजेपी की रथ यात्रा को दंगा करार देते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया था। 

दरअसल बीजेपी आम चुनावों के मद्देनजर राज्य की 42 लोकसभा सीटों पर रथ यात्रा निकलना चाहती है। लेकिन ममता सरकार का तर्क है कि इससे राज्य में कानून एवम व्यवस्था बिगाड़ सकती है। 

बीजेपी की प्रस्तावित रथ यात्राओं का उद्घाटन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को करना था। बीजेपी के शिड्यूल के मुताबिक पहले राज्य में रथ यात्राएं 7 दिसंबर, 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को निकली जानी थी। लेकिन हाइकोर्ट के फैसले के बाद यह लटक गई।