पश्चिम बंगाल, केरल, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में आंशिक सफल तो यूपी,एमपी में बंद का असर नहीं

केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर के केंद्रीय श्रमिक संगठन के दो दिवसीय भारत बंद का असर कुछ राज्यों में आंशिक तो कुछ राज्यों में न के बराबर देखने को मिल रहा है. हालांकि कई राज्यों मे पब्लिक ट्रांसपोर्ट, बाजार और फैक्ट्रियों में इसका असर देखने को मिला है. बंद का असर ज्यादातर केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिशा में देखने को मिला है.

श्रमिक संगठनों का दावा है कि इस बंद में बीस करोड़ लोग शामिल हैं. इस बंद को वामपंथी राजनैतिक दलों से जुड़े श्रमिक संगठन समर्थन दे रहे हैं. जबकि इस बंद से भाजपा समर्थित श्रमिक संगठन दूर रहे. जिसके कारण भाजपा शासित राज्यों में बंद का असर कम देखने को मिला. आज से दो दिवसीय बंद के लिए श्रमिक संगठनों ने पहले से ही ऐलान किया था और इसी के तहत उन्होंने आज से हड़ताल शुरू की है. ये हड़ताल देशव्यापी की जा रही है.

श्रमिक संगठनों का दावा है कि इस हड़ताल को कई राज्यों के संगठनों ने समर्थन दिया है. उनका दावा है कि इसमें विभिन्न संगठनों से जुड़े करीब 20 करोड़ कर्मचारी शामिल हैं. हड़ताल को सीटू, एटक, इंटक जैसे 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन इसे अपना समर्थन दे रहे हैं.  पश्चिम बंगाल से मिली खबर के मुताबिक वहां के आसनसोल में तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम के कार्यकर्तों बीच छपड़ हुई है, वहीं केरल के कोच्चि और त्रिवेंद्रम में भी केंद्रीय श्रमिक संगठनों के सदस्‍यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इसके साथ ही ओडिशा में भी हड़ताल का प्रभाव देखा जा रहा है.

भुवनेश्‍वर में हड़ताल समर्थकों के प्रदर्शन के कारण राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या 16 पर ट्रैफिक प्रभावित हुआ है. जबकि राजधानी दिल्‍ली में भी हड़ताल समर्थकों ने पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया में प्रदर्शन किया. वहीं कर्नाटक के कारण सरकारी कामकाज प्रभावित हुआ है. कर्नाटक के बंगलूरू में बंद के दौरान पत्थरबाजी और हिंसा होने की खबर है. एयरपोर्ट जाने के लिए लोग सुबह से ही कैब और प्राइवेट वाहनों को बुककर वहां पहुंच गये थे, जिसे कारण वहां पर भीड़ बढ़ गयी.