सुरक्षा बलों ने बड़गाम जिले में सुत्सू गांव में शुक्रवार सुबह हुई एक मुठभेड़ में दो दहशतगर्दों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में चार जवान भी घायल हुए हैं।
कश्मीर घाटी में आतंकियों के सफाए के लिए चलाया जा रहा अभियान के तहत सुरक्षा बलों ने बड़गाम जिले में सुत्सू गांव में शुक्रवार सुबह हुई एक मुठभेड़ में दो दहशतगर्दों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में चार जवान भी घायल हुए हैं। मुठभेड़ के दौरान आतंकियों के आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करने की जानकारी सामने आई है।
#Nowgam #encounter update: 02 #terrorists killed. Identities & affiliations being ascertained. #Arms & #ammunition recovered. #Search is going on. @JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) March 29, 2019
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुठभेड़ स्थल से एक अमेरिकी स्नाइपर राइफल एम 4 और और भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली इंसास राइफल बरामद हुई है। अमेरिकी एम 4 राइफल पर टेलिस्कोप भी लगा हुआ था।
आतंकियों से एम 4 राइफल बरामद होने को काफी हैरत भरा माना जा रहा है। कुछ समय पहले जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भतीजे उस्मान इब्राहीम की कुछ तस्वीरें सामने आई थीं, इसमें वह स्नाइपर राइफल के साथ दिखा था। उस्मान जैश का ‘स्नाइपर विशेषज्ञ’ था। पिछले साल दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के चनकीतार में एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने उस्मान को ढेर कर दिया था।
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इस राइफल का ज्यादातर इस्तेमाल अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ रहे नाटो बलों द्वारा किया जाता है। यह अमेरिका की एम16ए2 असॉल्ट राइफल का छोटा और हल्का वर्जन है। इस बंदूक की बैरल 14.5 इंच है।
शुक्रवार सुबह हुई मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों की अभी पहचान नहीं हो पाई है। हालांकि ये माना जा रहा है कि दोनों जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी थे।
इस संयुक्त अभियान को सीआरपीएफ, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से चलाया गया। सुरक्षा बलों के सुत्सू गांव में दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन चलाया। आतंकियों के छिपे होने की जगह पता चलने के बाद उन्हें सरेंडर के लिए कहा गया। लेकिन आतंकियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इसमें दो आतंकी मारे गए।
इससे पहले बृहस्पतिवार को कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ था। बाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मारे गए आतंकियों की पहचान सज्जाद खांडे, आकिब अहमद डार और बशरत अहमद मीर के तौर पर की थी। तीनों पुलवामा के रहने वाले थे। यह हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तय्यबा का सामूहिक गुट था।
क्या है एम-4 कार्बाइन
1994 के करीब अमेरिकी सेना में कार्बाइन एम4 की एंट्री हुई। एम4 को पहले इस्तेमाल की जा रही एम16 का ही छोटा और हल्का संस्करण माना जा सकता है। इसे किसी भी तरह की लड़ाई में इस्तेमाल किया जा सकता है। अमेरिकी सेना इसे इराक और अफगानिस्तान के युद्ध में कई बार प्रयोग कर चुकी है। एम4 कार्बाइन को जो चीज खास बनाती है, वह है इसकी कस्टमाइजेशन। इसमें कई सारी चीजें अटैच की जा सकती है। दूर तक देखने के लिए इसमें स्कोप लगाया जा सकता है जिससे निशाना और अच्छा हो जाता है। यह 600 मीटर दूर तक लक्ष्य को भेद सकती है और यह लगातार करीब 950 गोलियां दाग सकती है। स्कोप के इलावा इसमे नाइट विज़न डिवाइस भी फिट किया जा सकता है। एम4 कार्बाइन में थोड़े से बदलाव करके इसे ग्रेनेड लांचर भी बनाया जा सकता है। इतना ही नही सेकेंडरी वेपन के तौर पर इसे शॉटगन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
Last Updated Mar 29, 2019, 10:07 AM IST