प्रदेश की योगी सरकार राज्य में कई सालों से बंद पड़े कंबल कारखानों को फिर से शुरू करेगी. इसके लिए योगी सरकार ने बंद पड़े कारखानों की मरम्मत करना शुरू कर दिया है और ऊन के ई-टेंडरिंग भी शुरू कर दी है. ऐसा माना जा रहा है कि जनवरी के बाद राज्य में कारखाने शुरू हो जाएंगे.

असल में राज्य में योगी सरकार ग्रामोद्योग को काफी बढ़ावा दे रही है. पिछले साल ही राज्य में खादी को बढ़ावा देने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने कई ऑनलाइन कंपनियों से करार किया है. जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. इन कंपनियों के जरिए बोर्ड देश विदेशों में खादी के उत्पाद ग्राहकों को मुहैया करा रहा है. लिहाजा अब राज्य सरकार ने राज्य में बंद पड़े कंबल कारखानों को फिर से शुरू करने की पहली की है. राज्य सरकार राज्य के सभी कंबल कारखानों को शुरू करेगा.

इसके लिए बोर्ड प्रस्ताव को शासन को भेजा गया है और जल्द ही इसको मंजूरी मिलने की उम्मीद की जा रही है. लिहाजा पहले चरण में बंद पड़े तीन कम्बल कारखानों को शुरू किया जाएगा. जो इस महीने क आखिर तक शुरू हो जाएंगे. इसके लिए ऊन तागा की आपूर्ति के लिए ई- टेंडर दिए गए हैं. राज्य में खादी ग्रामोउद्योग के आठ कम्बल कारखाने लगभग दस वर्षो से बंद पड़े हैं। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से संचालित इन आठ कम्बल कारखानों पर बीती सरकारों द्वारा ध्यान न दिये जाने के कारण यह बंद हो गये और सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गये.

ये कारखाने बिजनौर, गोपीगंज भदोही, अमेठी, जौनपुर, मिर्जापुर, खजनी गोरखपुर, मुजफ्फरनगर व आदिलाबाद गाजीपुर में हैं. पहले चरण में जिन कम्बल कारखानों को चालू किया जा रहा है उनमें गोपीगंज भदोही, जौनपुर व खजनी गोरखपुर शामिल हैं. इन कारखानों का टीन शेड व अन्य मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है. इसके साथ ही मशीनों को भी ठीक कराने के लिए धनराशि जारी की जा रही है.

तीनों कारखानों को शुरू करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत ऊन तागा की पड़ेगी. इसके लिए भी ई-टेंडर की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. बोर्ड के अफसरों का कहना है यदि सभी कुछ ठीक-ठाक चलता रहा तो फरवरी के अंत तक या मार्च की शुरुआत में यह तीनों कारखाने काम करना शुरू कर देंगे. वहीं दूसरे चरण में तीन अन्य कारखानों को शुरू किया जाएगा. इनमें बिजनौर, अमेठी व मिर्जापुर शामिल हैं.