बुलंदशहर में मारे गए इंस्पेक्टर का मोबाइल बरामद करने का दावा, परिजनों ने लगाया पुलिस पर आरोप

बुलंदशहर पुलिस ने दावा किया है कि उसने कुछ महीनों पहले हुई हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का  मोबाइल फोन और सी यू जी नंबर बरामद कर लिया। लेकिन परिजनों का कहना है कि पुलिस झूठ बोल रही है। 

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पुलिस के मुताबिक शनिवार को कोर्ट से सर्च वारंट लेने के बाद प्रशांत नट के घर मुखबिर की सूचना पर तलाशी ली गई जहां से मृतक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का मोबाइल फोन और सी यू जी नंबर बरामद हुआ। 

लेकिन प्रशांत के परिवार का कहना है कि शुक्रवार को पहले उसके घर तीन पुलिसकर्मी पहुंचे और फिर शनिवार को दो से तीन पुलिसकर्मी फिर पहुंचे दोनों ही दिन पहुंचे पुलिसकर्मियों ने नक्शा बनाने और नाम लिखने का हवाला दिया, मगर शनिवार देर शाम अचानक दर्जनभर से ज्यादा पुलिसकर्मी जिनमें महिला पुलिस कर्मी भी शामिल थी घर आ धमके और तलाशी शुरू कर दी। 

 अचानक एक फोन निकाला गया और कहा गया कि यह फोन तुम्हारा है मगर परिवार के तरफ से मना कर दिया गया कि यह फोन हमारा नहीं है। 

 परिवार वाले बताते हैं कि फोन की बरामदगी जिस कमरे की ड्रेसिंग टेबल से दिखाई गई, प्रशांत की पत्नी भी इसी कमरे में रहती और सोती है, फिर यदि यह फोन उस घटना से ताल्लुक रखता था तो फिर तो फोन को हम यहां क्यों रखते। 

 परिवार वाले यह भी बताते हैं कि बाकी के फोन उन्हीं के हैं और वह काफी पहले खराब हो चुके हैं, मगर सवाल उठना तो लाजिमी है कि यदि यह फोन प्रशांत के पास था तो उसका परिवार इसे सिर्फ आम जगह ही क्यों रखता यह फोन आसानी से कई और भी फेंका जा सकता था।  

पुलिस की पूरी कार्रवाई में मृतक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का फोन तो बरामद हो गया मगर घटना में आला-ए-कत्ल यानी कि वह रिवाल्वर जिससे इंस्पेक्टर पर गोली चलाई गई थी अभी तक बरामद नहीं हुई है। 
 

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