रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने इस्तीफा देने की वजह निजी बताई है। उन्होंने कहा, 'निजी कारणों से मैंने अपनी मौजूदा पद से तत्काल हटने का फैसला किया।' कई वर्षों तक आरबीआई में काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है। पटेल का इस्तीफा केंद्र सरकार से तनातनी की अटकलों के बीच आया है। 

उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि हाल के वर्षों में रिजर्व बैंक के कर्मचारियों, अधिकारियों और प्रबंधन का सहयोग एवं कड़ी मेहनत केंद्रीय बैंक की उपलब्धियों का मुख्य कारण रहे हैं। मैं इस मौके पर अपने सहयोगियों एवं रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड का शुक्रिया अदा करता हूं और साथ ही भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद ट्वीट कर रिजर्व बैंक में योगदान को सराहा। पीएम ने ट्वीट किया, 'डा. उर्जित पटेल निर्विवाद प्रमाणिकता वाले पेशेवर रहे हैं। उन्होंने रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर और गवर्नर के तौर पर छह साल सेवाएं दीं। वह अपने पीछे एक विरासत छोड़ रहे हैं। हमें उनकी कमी खलेगी।'

एक अन्य ट्वीट में पीएम ने कहा, 'डा. उर्जित पटेल एक उच्च क्षमतावान अर्थशास्त्री रहे। उन्हें मैक्रो-इकोनॉमिक्स की काफी गहरी समझ है। उन्होंने बैंकिंग प्रणाली की अराजक स्थिति को संभाला। उनके नेतृत्व में आरबीआई में वित्तीय स्थिरता आई है।' 

वहीं वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पटेल के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, सरकार उर्जित पटेल की सेवाओं की पूरी गंभीरता के साथ सराहना करती है। उर्जित पटेल के इस्तीफे देने की खबरें पहले भी सामने आई थी तब सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता रिजर्व बैंक एक्ट के तहत जरूरी है। उनके इस्तीफे को  सरकार द्वारा सेक्शन 7 का इस्तेमाल करने की बात कहने और छोटे उद्योगों के लिए लोन आसान बनाना, कर्ज और फंड की समस्या से जूझ रहे 11 सरकारी बैंकों को कर्ज देने से रोकने पर राहत और शैडो लेंडर्स को ज्यादा लिक्विडिटी देने से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि सेक्शन 7 के इस्तेमाल पर कभी विचार नहीं किया गया। पटेल रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर थे। उन्होंने रघुराम राजन के बाद यह पद संभाला था।