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कुंभ में मकर संक्रांति के दिन स्नान को लेकर संतों ने क्या कहा ?
मकर संक्रांति के मौके पर हिन्दू धर्म के साधु-संन्यासी पहले शाही स्नान के लिए पहुंचे स्नान के समयकाल में अमृत और साध्य योग रहेगा। इस काल में किए गए स्नान, दान से अधिक पुण्य मिलेगा। शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद किसी भी समय मकर संक्रान्ति होने पर संक्रान्ति का पुण्य काल दूसरे दिन सूर्योदय से मध्याह्न तक रहता है।
प्रयागराज--दिव्य और भव्य कुम्भ का पहला मुख्य स्नान पर्व मकर संक्रांति मंगलवार को ब्रह्ममुहूर्त से शुरू गया। इसी के उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आस्था के सबसे बड़े मेले कुंभ का आगाज हो गया है। मकर संक्रांति के मौके पर हिन्दू धर्म के साधु-संन्यासी पहले शाही स्नान के लिए पहुंचे स्नान के समयकाल में अमृत और साध्य योग रहेगा। इस काल में किए गए स्नान, दान से अधिक पुण्य मिलेगा। शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद किसी भी समय मकर संक्रान्ति होने पर संक्रान्ति का पुण्य काल दूसरे दिन सूर्योदय से मध्याह्न तक रहता है। इसलिए मकर संक्रांति पर्व उदयातिथि में 15 जनवरी, मंगलवार को होगा और स्नान, दान का पुण्यकाल मध्याह्न तक रहेगा। आइए जानते हैं संतों ने कुंभ के समय मकर संक्रांति के मौके पर संगम में स्नान करने क्या होता है लाभ।