प्रदेश सरकार की बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री स्वाति सिंह ने शिवराय का पुरा (सेमरा) तथा पुरैना गांव में गंगा कटान स्थल का जायजा लिया। लेकिन उनका यह दौरा मात्र औपचारिकता पूरा करने तक सीमित रहा, क्योंकि उन्होंने इस मौके पर न तो वह कटान रोकने के लिए कोई घोषणा की और न कार्ययोजना बताईं। पीड़ितों को स्वाति सिंह से मिला तो महज आश्वासन। 

हालांकि सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर स्वाति सिंह के पहले दौरे से कटान पीड़ितों को ढेर सारी उम्मीदें थीं। लेकिन सब चकनाचूर हो गईं। स्वाति सिंह सबसे पहले मुहम्मदाबाद तहसील की शेरपुर ग्राम पंचायत के कटान प्रभावित गांव शिवराय का पुरा पहुंची।

मौजूद सिंचाई विभाग के इंजीनियरों से कटानरोधी कार्यों की जानकारी लीं। ग्रामीणों की चौपाल में उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में हो रही वर्षा व बाढ़ से प्रभावित जनता को राहत देने के लिए उनकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वह कटान प्रभावित स्थलों का जायजा लेने आई हैं। दरअसल यह भारत की बड़ी ग्राम पंचायतों में से एक शेरपुर के अस्तित्व का सवाल है। अपनी आंखों के सामने अपने घर बार को जलसमाधि लेते देखना कैसा होता है, यह मंत्री महोदया क्या जानें। 

शेरपुर ग्राम पंचायत की हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन गंगा की कटान की भेंट चढ़ चुकी है। 1942 के आंदोलन में इस ग्राम पंचायत ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। लेकिन इतने गौरवशाली अतीत वाला गांव आज प्रकृति के कहर के सामने लाचार हो चुका है। वहीं सरकार छोटी-छोटी योजनाओं में लोगों को उलझाकर खानापूर्ति कर रही है। 

कटान में गाँव के गिरने के बाद जिन लोगों के पास दूसरी जगहों पर पास जमीन बची थी उन्होंने तो जैसे तैसे झुग्गी-झोपड़ी में  रहने की व्यवस्था कर लिया, जिनके पास पैसे थे और जमीन नहीं थी वे आस-पास के गाँवों में जमीन खरीदकर बस गये, लेकिन एक बड़ा हिसा उन गरीब लोगों का है जिनके पास न तो जमीन है और न पैसे हैं। वे पिछले कई वर्षों से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।