नई दिल्ली: अदालत ने याचिका कर्ता को 23 मई को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इस महिला की जमानत रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर रखा है। शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्हें महिला और उसके सहयोगियों से धमकी मिल रही है।

उस महिला के खिलाफ कथित धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और आपराधिक साजिश रचने के मामले में महिला के खिलाफ 3 मार्च को एफआईआर दर्ज की गई थी। इस सिलसिले में यहां तिलक मार्ग पुलिस थाना को हरियाणा के झज्जर निवासी नवीन कुमार से एक शिकायत मिली थी।

कुमार ने आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने उनसे 50 हजार रुपये की धोखाधड़ी की है जिसे उसने अदालत में नौकरी दिलाने के नाम पर रिश्वत लिया है। नवीन कुमार का आरोप है कि जून 2017 में नौकरी के सिलसिले में एक कॉमन फ्रेंड के जरिये उसकी आरोपी महिला से मुलाकात हुई थी, मुलाकात के दौरान आरोपी महिला ने उसे बताया कि वो सुप्रीम कोर्ट के एक जज की पीए है, और उसका पति पुलिस अधिकारी है, उसकी अच्छी जान-पहचान है और वो सुप्रीम कोर्ट में नौकरी लगवा सकती है, लेकिन नौकरी के एवज में 10 लाख रुपये देने होंगे।

 नौकरी के लालच में नवीन ने अपने कॉमन फ्रेंड की मौजूदगी में कथित आरोपी महिला को 50 हजार नकद एडवांस दे दिए, पुलिस के मुताबिक नवीन का दावा है कि पैसे का लेन देन कोर्ट परिसर में ही हुआ, लेकिन पैसे मिलने के तीन महीने बाद भी जब नवीन को नौकरी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, वो एक बार फिर अपने दोस्त के आरोपी महिला से मिलने सुप्रीम कोर्ट पहुचा जहाँ महिला ने बताया कि अभी उसकी नौकरी लगने में थोड़ा वक्त और लगेगा, साथ ही हिदायत दी कि उसे मिलने के लिए कोर्ट में नहीं आना चाहिए अगर वो ऐसा करता है तो उसे झूठे केस में फंसा दिया जाएगा।

धमकी मिलने के बाद और पैसा वापस नहीं मिलने पर नवीन ने तिलक मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई, पुलिस ने आइपीसी की धारा 420/506 और 120 B के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने 10 मार्च को आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद कोर्ट में पेश किया लेकिन 12 मार्च को ही महिला को कोर्ट से जमानत मिल गई।

यह महिला मुख्य न्यायाधीश की पूर्व जूनियर असिस्टेंट है। जिसने उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए है, आरोप लगाने वाली महिला ने 22 जजों को एक चिट्ठी भेजी है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीडन करने के लिए राजी न होने पर नौकरी से हटाने और बाद में उन्हें और उनके परिवार को अलग-अलग तरह से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं।