कर्नाटक में आज चौथी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार विधानसभा में अपना विश्वासमत पेश करेगी। बीएस येदियुरप्पा सरकार को राज्य के सदन में 106 विधायकों का समर्थन है जबकि सरकार बनाने के लिए 104 का जादुई आंकड़ा जरूरी है।

हालांकि इन सब के बीच सबकी नजर राज्य विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार पर लगी है। आज सदन में विश्वास मत हासिल करने के बाद येदियुरप्पा सरकार सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। 

राज्य में चौथी बार सरकार बना रही भाजपा सरकार को आज सदन में विश्वासमत हासिल करना है और भाजपा के पास 106 विधायकों का समर्थन है, वहीं सरकार बनाने के लिए 104 विधायकों की जरूरत है। लेकिन राज्य में सियासी नाटक फिलहाल जारी है।

क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश ने दल बदल कानून के तहत कांगेस-जेडीएस के 14  बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है। जबकि इससे पहले वो एक निर्दलीय और दो कांग्रेस के विधायकों को अयोग्य घोषित कर चुके हैं।

लिहाजा माना जा रहा कि आज सदन में विधानसभा अध्यक्ष येदियुरप्पा सरकार का खेल बिगाड़ने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। हालांकि विधायकों को अयोग्य घोषित करने से भाजपा सरकार को सदन में कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।

क्योंकि 17 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के बाद विधानसभा में विधायकों की 207 हो गई है और इसी आधार पर सदन में येदियुरप्पा सरकार को बहुमत सिद्ध करना है। इसके लिए सरकार को सदन में 104 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी जबकि उसके पास 106 विधायकों का समर्थन है। 

कांग्रेस और जेडीएस के पास 100 विधायकों का समर्थन है। वहीं कल शनिवार को जेडीएस की बैठक में भी एक धड़े ने भाजपा सरकार को समर्थन देने की बात कही है। इस पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है।
 
विधानसभा अध्यक्ष को हटाएगी भाजपा

भाजपा आज सदन में बहुमत साबित करने के बाद सदन में विधानसभा अध्यक्ष के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। क्योंकि बहुत साबित करने के बाद भाजपा के निशाने पर विधानसभा अध्यक्ष हैं। अभी तक विधानसभा अध्यक्ष का भाजपा सरकार के खिलाफ रूख नकारात्मक रहा है। लिहाजा सबसे पहले विश्वास मत हासिल करने के बाद केआर रमेश कुमार को अध्यक्ष के पद से विदा कराएगी।