मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष जोरामथांगा ने शनिवार को मिजोरम के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह 12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद का नेतृत्व करेंगे। राज्यपाल के. राजशेखरन ने यहां राजभवन में एक समारोह में जोरामथांगा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जोरामथांगा ने मिजो भाषा में शपथ ली। 

पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर यह उनका तीसरा कार्यकाल है। उन्होंने साल 1998 और 2003 में मिजोरम में एमएनएफ सरकार का नेतृत्व किया था। तॉनलुइया को राज्य का उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। जोरामथांगा के साथ 11 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें पांच कैबिनेट मंत्री और छह राज्य मंत्री शामिल हैं। एमएनएफ हाल ही में विधानसभा चुनाव में 40 में से 26 सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता में आई। एमएनएफ ने पूर्वोत्तर में कांग्रेस को उसे आखिरी गढ़ मिजोरम से भी बाहर कर दिया। कांग्रेस राज्य में महज पांच सीटों पर ही जीत पाई जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में उसने 34 सीटें जीती थीं। 

राज्य में निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ने वाली जेडपीएम ने भी 8 सीटें जीती हैं। मिजोरम में भाजपा का खाता भी खुल गया है। पार्टी ने यहां एक सीट जीती है। 

कांग्रेस के सबसे बड़ा झटका यह रहा कि लंबे समय से मुख्यमंत्री रहे लल थनहवला ने अपने गढ़ सेरछिप और चम्फाई दक्षिण दोनों जगह से चुनाव हार गए। सेरछिप में लल थनहवला को जोराम पीपल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने 410 मतों के अंतर से हराया। वहीं चम्फाई दक्षिण सीट पर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के उम्मीदवार एवं राजनीति के नए खिलाड़ी टी जे लालनंतलुआंग ने दिग्गज कांग्रेसी नेता को 1,049 मतों के अंतर से पराजित किया।
 
नई सरकार में कुल पांच कैबिनेट मंत्री हैं। उनमें तॉनलुइया, आर लालथंगलियाना, लालचमलियाना, लालजिरलियाना और लालरिनसांगा शामिल हैं। वहीं के लालरिनलियाना, लालचंदामा राल्टे, लालरुआतकिमा, डॉ. के बेइचुआ, टी जे लालनुंत्लुआंगा और रॉबर्ट रोमाविया राल्टे को राज्य मंत्री बनाया गया है। राजभवन में हुए कार्यक्रम के दौरान राज्य में 16 प्रमुख गिरिजाघरों के समूह एमकेएचसी के अध्यक्ष रेव आर लालमिंगथांगा ने बाइबिल पढ़ी और प्रार्थना की।