D Gukesh: भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी डोम्माराजू गुकेश (डी गुकेश) ने 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। उन्होंने चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह उपलब्धि हासिल की। गुकेश की जीत से न केवल पूरा भारत गर्व महसूस कर रहा है, बल्कि वे विश्व शतरंज में नई पीढ़ी का चेहरा भी बन गए हैं। आइए, जानते हैं उनकी जर्नी। 

चेन्नई के तेलुगू परिवार में जन्म

डी गुकेश का जन्म 29 मई 2006 को चेन्नई के एक तेलुगू परिवार में हुआ। बचपन से ही वे बेहद बुद्धिमान और तेज दिमाग के थे। माता-पिता ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें शतरंज खेलने के लिए मोटिवेट किया।

7 साल की उम्र में शतरंज खेलने की शुरुआत

गुकेश ने महज 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। शुरुआती दिनों में ही उनकी स्‍ट्रेटजी और खेल को लेकर गहरी समझ ने कोच का ध्यान अट्रैक्ट किया। उन्होंने महज 8 साल की उम्र में एशियन स्कूल शतरंज चैंपियनशिप के अंडर-19 और अंडर-12 वर्ग में जीत हासिल की। 2018 में एशियन यूथ चैंपियनशिप में अंडर-12 श्रेणी में 5 गोल्ड मेडल जीते।

2019 में ग्रैंडमास्टर का खिताब

गुकेश ने जनवरी 2019 में, 12 साल 7 महीने की उम्र में, ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल कर लिया। वे इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने। गुकेश 2700 की FIDE रेटिंग हासिल करने वाले सबसे युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर बने। यह रेटिंग उन्हें दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों में शुमार करती है। हालांकि, बाद में उनके इस रिकॉर्ड को भारत के ही अभिमन्यु मिश्रा ने तोड़ा। 

दिग्गज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हराया

2022 में गुकेश ने शतरंज की दुनिया के दिग्गज खिलाड़ी और पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराकर सबको चौंका दिया। इस उपलब्धि ने उन्हें इंटरनेशनल लेबल पर और प्रसिद्धि दिलाई। 2022 में, गुकेश ने विश्व शतरंज कप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। इस टूर्नामेंट में उन्होंने बेस्ट परफॉर्मेंस करते हुए बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाई। ऐसा करने वाले वह तीसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने। 11 दिसंबर 2024 को गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 के अंतर से हराकर विश्व शतरंज चैंपियन का खिताब जीता। यह जीत भारतीय शतरंज के लिए ऐतिहासिक है।

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